डॉलर के वर्चस्व से मुक्ति में लगेगा अभी बहुत वक्त
जयपुरPublished: Jan 31, 2023 09:30:15 pm
यह सही है कि यूएस पर वैश्विक ऋण भार काफी अधिक है, पर विभिन्न कारणों से आज भी डॉलर को सुदृढ़ बनाने वाले घटक मौजूद हैं तथा भारतीय रुपया, डॉलर के वर्चस्व से मुक्त हो पाएगा, यह कहना जल्दबाजी ही होगी।


प्रो. सी.एस. बरला
कृषि अर्थशास्त्री, विश्व बैंक और योजना आयोग से संबद्ध रह चुके हैं
............................................................................................ द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से ही डॉलर विश्व की सबसे शक्तिशाली मुद्रा है, ऐसा माना जा सकता है। और विश्व के प्रमुख देशों के इसी डॉलर के दबाव से जल्द मुक्त होने के कयास लगाती खबरें हाल ही में अखबारों में प्रकाशित हुईं। आयात-निर्यात के आंकड़े हों, या विदेशी विनिमय भंडार, या सकल राष्ट्रीय उत्पाद की गणना, हर स्तर पर डॉलर का ही वर्चस्व दिखाई देता है। हर देश अपने निर्यात व्यापार में वृद्धि करके अधिक से अधिक डॉलर अर्जित करने का प्रयास करता है तथा यथासंभव डॉलर के कोष को बढ़ाने के लिए प्रयत्न करता है। इसी दृष्टि से ये प्रयास किए जा रहे हैं कि भारत सहित दुनिया की सभी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं डॉलर के वर्चस्व से मुक्त हो जाएं। भारत के लिए वर्तमान में यह कहां तक संभव है, यह देखना जरूरी है।