नेतृत्व : करुणा की भावना का विकास जरूरी
करुणा की भावना विकसित करने से एक लीडर लोगों के बीच विश्वास स्थापित कर सकता है। अधीनस्थों की ङ्क्षचता करना जरूरी है
Published: April 04, 2022 08:18:10 pm
प्रो. हिमांशु राय
निदेशक,
आइआइएम इंदौर रदर्शिता और संवेदनशीलता में संतुलन, संगठन के कर्मचारियों के साथ सहयोग करने, उन्हें सशक्त बनाने और विश्वास की संस्कृति के निर्माण में मदद करता है। कुछ मूलभूत बातेंं लीडरों और प्रबंधकों में संवेदनशीलता विकसित करने में मदद कर सकती हैं।
अन्य का दृष्टिकोण समझना: एक लीडर को अपने स्वयं के विचार और मतों के अलावा दूसरों के दृष्टिकोण से स्थितियों का विश्लेषण करना यानी 'दर्शनÓ सीखना चाहिए। किसी भी प्रतिक्रिया से पहले दूसरों के साथ सहानुभूति रखनी चाहिए। इसके लिए निरंतर सचेत रहने की आवश्यकता होती है, और यही गुण एक लीडर को जागरूक और अच्छा विश्लेषक बनाता है।
अधीनस्थ भी मानव हैं: गलती करना मानव का स्वभाव है। यह स्वीकार करते हुए कि कोई भी सर्वगुण संपन्न नहीं है, दूसरों को अपनी गलतियों से सीखने के लिए प्रोत्साहित करने से जोखिम और आकस्मिकताओं के लिए बेहतर योजना बनाने में मदद मिल सकती है।
अधिक से अधिक प्रशंसा करना: फीडबैक में ईमानदार होना और सत्य बताना आवश्यक है। उच्च प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की उनकी छोटी उपलब्धियों पर, यहां तक कि ईमानदार प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा करने के साथ उदारता दिखाना, उन्हें मूल्यवान महसूस कराता है और उनकी स्वीकृति की आवश्यकता को पूरा करता है। यह उन्हें लगातार बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है।
इसके अलावा अधीनस्थों के प्रति वास्तविक चिंता विकसित करने से ही सफल नेतृत्व संभव है। करुणा की भावना विकसित करने से एक लीडर लोगों के बीच विश्वास स्थापित कर सकता है और संगठनात्मक दृष्टि से जुडऩे के लिए प्रेरित कर सकता है। सक्रिय रूप से अधीनस्थों के विचार सुनना और पूर्वाग्रह या पूर्वकल्पित धारणाओं के बिना प्रतिक्रिया देना संवेदनशीलता का एक प्रमुख पहलू है। सक्रिय
श्रवण में न केवल शब्दों को समझने में सक्षम होना शामिल है, बल्कि उनके पीछे के स्वर, अवधि, हावभाव, भावनाओं और मंशा को समझना
भी आवश्यक है। दूसरों पर शैली और स्वर के
संभावित प्रभाव को समझना भी आवश्यक है।
कठोर या क्रूर शैली भावनात्मक चोट पहुंचा सकती है, जबकि एक विचारशील, दयालु स्वर और शैली
दूसरों को बेहतर महसूस करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।
यद्यपि संचार की सभी शैलियां और तरीके महत्त्वपूर्ण हैं, यह एक लीडर अथवा प्रबंधक पर निर्भर करता है कि वह संदर्भ और स्थिति का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करे। वह एक प्रतिक्रिया, और उसकी वितरण शैली तैयार करे और एक ऐसा माध्यम चुने, जो प्रासंगिक और उपयुक्त हो। दूसरों की जरूरतों के प्रति संवेदनशीलता को तर्कसंगत तरीके और जिम्मेदारी के साथ संतुलित किया जाना आवश्यक है।

नेतृत्व : करुणा की भावना का विकास जरूरी
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