अक्सर प्रबंधकों को अपने पिछले अनुभव या भूतपूर्व समान परिस्थितियों के समाधान से संदर्भ लेने की बजाय, वर्तमान समस्या के प्रति एक प्रभावी दृष्टिकोण विकसित करने के लिए, नए रूप से प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। अत: प्रबंधकों को अपने ज्ञान और क्षमताओं का विस्तार करने और उन प्रमुख उभरती अवधारणाओं को समझने में मदद करने के लिए स्वयं सीखने का प्रयास करने की आवश्यकता होती है, जो उद्योग के विकास में भी मददगार सिद्ध होती हैं।
यह न केवल प्रबंधकों को भविष्य के लिए चपलता विकसित करने में सहायता करता है, बल्कि उन्हें रणनीति विकसित करने और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करने में भी सक्षम कर सकता है। यदि वे अपनी क्षमता में वृद्धि करके अपरिहार्य परिवर्तनों के अनुकूल होने में सक्षम होते हैं (या तो एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से या सामूहिक और व्यक्तिगत ज्ञान के कुशल प्रबंधन के जरिए), तो वे अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। सबसे अनुभवी लीडर और प्रबंधक को भी उभरती और आशाजनक अवधारणाओं, मॉडलों या प्रतिमानों के ज्ञान और समझ के संदर्भ में लगातार ज्ञानार्जन करने और अपना कौशल बढ़ाने की आवश्यकता है।
जाहिर है कि एक लीडर, प्रबंधक और अधिकारी को आजीवन सीखने और अपने गुणों को विकसित करने का रवैया अपनाने और अपनी जिज्ञासाओं को प्रज्वलित रखने की आवश्यकता है, लेकिन कुछ आम चुनौतियां उनके स्व-शिक्षण और स्व-विकास में बाधा बनती हैं।