सभी कर्मचारियों को डेटा और सूचना के बीच अंतर करने में सक्षम होना चाहिए और यह स्वीकारना चाहिए कि संदर्भ में परिवर्तन के साथ डेटा की प्रासंगिकता बदल जाती है। इसी कारण विशेषज्ञ मानते हैं कि मूल्य को अनुकूलित करने के लिए उपकरण के रूप में डेटा के उपयोग की भावना होना वर्तमान परिदृश्य में एक लीडर के लिए उच्च प्राथमिकता वाला कौशल है। डेटा, संगठन विकास को बढ़ावा तो देता है, किन्तु एक कार्यात्मक व उच्च प्रदर्शन वाला तंत्र विकसित करने के लिए सक्षम नेतृत्व जरूरी है।
एल्गमिन ने आधारभूत प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए एक चरणबद्ध डेटा लीडरशिप तंत्र बनाया है:
1. प्रासंगिक डेटा तक समय पर पहुंच सुनिश्चित करना: डेटा का एक समरूप प्रारूप में निस्पंदन और उसे संशोधित किया जाता है, ताकि आवश्यकता पडऩे पर इसे उपलब्ध कराया जा सके। इसमें सिस्टम सिक्योरिटी, आइटी इन्फ्रास्टक्चर मैनेजमेंट आदि शामिल हैं।
2. डेटा का शोधन: मानकों के साथ पुष्टि करने के लिए डेटा की गुणवत्ता में सुधार किया जाता है और संगठनात्मक रणनीति समझने व उपयोग करने के लिए आकर्षक बनाया जाता है। इसके लिए आइटी विभाग के पास मास्टरडेटा रणनीति और अद्यतन मेटाडेटा होना चाहिए।
3. डेटा से अंतर्दृष्टि को उजागर करना: यह सबसे अहम चरण है। संगठन के विभिन्न कार्यों की शैली के लिए विभिन्न सांख्यिकीय और अनुमान लगाने वाले उपकरणों का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण किया जाता है। इसमें मुख्यत: डेटा विश्लेषण, रिपोर्टिंग और विजुअलाइजेशन शामिल है।
4. मापन और मानचित्रण प्रभाव: उजागर किए गए पैटर्न को उनके संभावित प्रभाव के लिए मापा जाता है और मेट्रिक्स व के पीआइ के रूप में संगठनात्मक परिणामों में उजागर किया जाता है।
5. रणनीति के साथ संरेखण: नीतियों, रणनीतियों और संचालन के तत्वों में खोजी गई अंतर्दृष्टि को संरेखित करने के लिए प्रबंधन और लीडरों की भागीदारी ताकि डेटा क्षमताओं का लाभ उठाया जा सके और इससे वास्तविक मूल्य प्राप्त किया जा सके। नेतृत्व विकास के इन पहलुओं को उन प्रबंधकों, प्रमुखों और लीडरों द्वारा अपनाया जाना चाहिए, जो प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं।