scriptये भी जानें : चिकित्सा जगत के लिए नई चुनौती बनकर उभर रहा ‘लॉन्ग कोविड’ | 'Long Covid' emerging as a new challenge for the medical sector | Patrika News

ये भी जानें : चिकित्सा जगत के लिए नई चुनौती बनकर उभर रहा ‘लॉन्ग कोविड’

locationनई दिल्लीPublished: Oct 11, 2021 09:05:13 am

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Patrika Desk

– 37% लोगों में मिला कम से कम एक दीर्घकालिक लक्षण, संक्रमण से बचे 2.7 लाख से अधिक लोगों पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में।- 65 वर्ष से कम आयु के लोगों पर लॉन्ग कोविड का असर ज्यादा, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के हल्के संक्रमण (या असिम्प्टोमेटिक) से बचे 52000 लोगों पर स्टडी में।

ये भी जानें : चिकित्सा जगत के लिए नई चुनौती बनकर उभर रहा 'लॉन्ग कोविड'

ये भी जानें : चिकित्सा जगत के लिए नई चुनौती बनकर उभर रहा ‘लॉन्ग कोविड’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस सप्ताह ‘लॉन्ग कोविड’ की परिभाषा जारी की। कोविड-19 से जंग जीतने वाले लोगों को संक्रमण से उबरने के बाद भी लगातार कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, इस सिंड्रोम को ‘लॉन्ग कोविड’ का नाम दिया गया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लॉन्ग कोविड वह स्थिति है, जिसमें कम से कम एक लक्षण का उबरना जारी रहता है जो किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने के तीन महीने के भीतर ही सामने आने लगता है और कम से कम दो महीने तक बना रहता है। किसी अन्य जांच से इस लक्षण के कारण समझना मुश्किल होता है। ‘लॉन्ग कोविड’ के सामान्य लक्षण हैं – थकान, सांस लेेने में तकलीफ और दिमाग पर असर। इसके अलावा सीने में दर्द, गंध और स्वाद संबंधी समस्याएं, कमजोर मांसपेशियां और धकधकी लगना। लॉन्ग कोविड को लेकर डब्ल्यूएचओ की परिभाषा समय के साथ संशोधित हो सकती है। बच्चों के लिए लॉन्ग कोविड की परिभाषा कुछ अलग होगी।

क्या बताते हैं लक्षणों पर अध्ययन-
लान्सेंट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, चीनी शोधकर्ताओं ने पाया कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 12 माह बाद कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों में से 20 से 30 प्रतिशत और गंभीर मरीजों में 54 प्रतिशत अब तक फेफड़ों से संबंधित तकलीफों से जूझ रहे हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अध्ययन में पाया कि कोविड-19 पीडि़तों में डायबिटीज और मस्तिष्क विकार के रोगी अधिक सामने आ रहे हैं, बजाय उनके जिन्हें कोविड नहीं हुआ।

क्या लॉन्ग कोविड से लोग उबरते हैं?
लॉन्ग कोविड के कई लक्षण समय के साथ खत्म हो जाते हैं, भले ही शुरुआत में कितना भी गंभीर संक्रमण हुआ हो। संक्रमण से उबरने के छह माह बाद यदि कम से कम एक गंभीर लक्षण वाले मरीजों की संख्या 68 प्रतिशत थी, तो 12 माह होते-होते यह घट कर 49 प्रतिशत रह गई। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लॉन्ग कोविड के लक्षण समय के साथ बदल सकते हैं और शुरुआती सुधार दिखने के बाद फिर लौट भी सकते हैं।

वैक्सीन कितनी कारगर?
अध्ययन बताते हैं कि लॉन्ग कोविड से पीडि़त मरीजों ने वैक्सीन लगाने के बाद अपनी हालत में सुधार महसूस किया। अमरीका के ‘सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ के अनुसार, पोस्ट कोविड स्थितियों में वैक्सीन कितनी कारगर है, इस पर अभी और अध्ययन करने की जरूरत है।

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