ओपिनियन

मेमसाब की खातिरदारी

एक और जबरदस्त नायाब तोहफा दिया- मेमसाब यानी साहब की
घरवाली।एक तो साहबों ने ही नाक में दम कर रखा है उसके साथ ‘करेला और नीम
चढ़ा’ मुहावरे को साकार करती हुई ये नकचढ़ी ‘मेमसाब’। ‘मेमसाब’ की पहचान
इनकी आदतों से की जा सकती है।

Jul 27, 2017 / 10:08 pm

शंकर शर्मा

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