कथा,भक्ति और संगीत का विलक्षण संयोजन है महालया
Published: Oct 15, 2023 08:21:33 pm
सच है समय के साथ प्रस्तुति के तरीके बदलते रहेंगे,लेकिन जब तक बुराई पर अच्छाई की कथा पर हमारा विश्वास है,अपनी परंपरा पर विश्वास है, अपने संगीत पर विश्वास है, महालया के जरिए हम ऊर्जावान होते रहेंगे।


कथा,भक्ति और संगीत का विलक्षण संयोजन है महालया
विनोद अनुपम राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त कला समीक्षक ब्रह्म मुहूर्त में सुबह चार बजे पता नहीं कितनों घरों में रेडियो पर महालया सुना गया। याद है मुझे बचपन में महालया सुनने की कितनी तैयारी की जाती थी। यदि रेडियो में बैटरी कमजोर लग रही हो तो उसे बदल दिया जाता था। जिस रेडियो बैंड पर प्रसारण आना होता, रात में ही कांटे सेट कर छोड़ दिया जाता था। महालया का आकाशवाणी, कोलकाता से लाइव प्रसारित होता था और शायद सभी रेडियो स्टेशन उसे प्रसारित करते थे। उस दिन महालया की शंख की ध्वनि से ही नींद खुलती थी, जागो, तुमि जागो दुर्गा, जागो दशो प्रोहोरोनाधारिणी। अभयशोक्ति बलोप्रदायणी, तुमि जागो...। समझ तो नहीं पाते थे, लेकिन सुनते जरूर थे। शायद कुछ आध्यात्मिक अहसास मिलता हो। या फिर वह संगीत का विलक्षण जादू था, जो अवचेतन मन को प्रभावित करने में समर्थ था। यह तो काफी बाद में पता चला कि महालया के दिन ही पितरों को विदाई दी जाती है। और इसी दिन माता दुर्गा कैलाश से पृथ्वी पर पधारती हैं। महालया माता के आगमन के स्वागत में की जाने वाली प्रार्थना है।