ऐसा एक उदाहरण बताता है कि किस तरह से बोरियत महसूस करने की जगह आनलाइन क्लास को रोचक बनाया जा सकता है । किस्सा देहरादून के ब्राइटलैण्ड स्कूल के कक्षा 9 के किशोर विद्यार्थियों का है— इन बच्चों को हिंदी की पुस्तक में लेखक सुदर्शन का एक पाठ” बात अठन्नी की” टीचर ने पढ़ाया । वास्तव में नए प्रयोग करने की अदम्य इच्छा बच्चों के साथ ही जन्म लेती है । ई क्लास खत्म होते ही किशोर उम्र के विद्यार्थी केशव ने अपने साथियों के साथ चैटिंग की और प्रस्ताव रखा कि क्यों नहीं इस कहानी पर हम ऑनलाइन एक नाटक तैयार करें । आपसी बातचीत के बाद उनकी आपस में बात जम गई, शिक्षक से अनुमति ली नाटक के पात्रों का चयन हुआ । सानिध्य ने बताया कि पिछले दिनों ही अखबार में किसी अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़े जाने की खबर पढ़ने के बाद उसके मन में उसके विचार आया कि हमारा पाठ भी तो लगभग ऐसा ही है ।
एक दिन इंजीनियर साहब ने अपने नौकर को पांच रुपए का सामान लेने भेजा ।
कोर्ट में दोनों की पेशी हुई इंजीनियर के नौकर ने तुरंत चोरी की बात पर हां भर ली । जज के नौकर ने सिर्फ इतना ही कहा यह रकम उससे काफी छोटी थी जो कल रात को जज साहब को लिफाफे में बंद करके एक आदमी दे कर गया था । जज साहब ने इंजीनियर के नौकर को 6 महीने की सजा सुनाई और उन्होने अपने नौकर को भी नौकरी से निकाल दिया ।
चारों किशोर उम्र के विद्यार्थियों ने जिस खूबसूरती के साथ ऑनलाइन यह नाटक तैयार किया और के.सानिध्य ने उसमें जैसी एंकरिंग ,एडिटिंग और प्रेजेंटेशन दिया वह सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया और स्कूल प्रशासन की ओर से इन किशोर विद्यार्थियों को खूब सराहना मिली ।
आने वाले 15 अगस्त के पर जबकि अधिकांश स्कूल कालेज बंद रहेंगे। इस अवसर पर किशोर विद्यार्थियों और शिक्षकों ने एक साथ मिलकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर देशभक्ति के तरानों से लेकर नाटक, एकांकी प्रस्तुत करने का काम आरंभ कर दिया है । यानी कोरोना भले ही इन बच्चों को घरों में कैद रहने के लिए विवश कर दे लेकिन इन किशोरावस्था ने सिद्ध कर दिया है कि न तो उनकी दुनिया थमने वाली है और न ही वे रुकने वाले हैं । पंद्रह अगस्त पर हमें इनके भाषण देने की कला के बहुत से नमूने ई प्लेटफार्म देखने सुनने को मिलेंगे । साथ में देशभक्ति से प्रेरित होकर अनेक वीर गाथाएं एवं नृत्य आदि का आनंद भी मिलने वाला है। हमारे अपने शहर जयपुर में भी अनेक बच्चे ऐसी तैयारियों में जुटे हैं । आइए हम सब मिलकर नए प्रयोग और नए विधान सीखने सिखाने मेंकिशोर उम्र के बच्चों की मदद करें और खुशहाल दुनिया बनाने में जुटकर ई लर्निगं को वरदान बनाने में जुटें ।