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सत्ता के खेल में खिलाड़ी नहीं, रेफरी है मीडिया

Published: Sep 18, 2023 10:36:33 pm

Submitted by:

Nitin Kumar

  • सरोकार: पत्रकारिता की असली कसौटी निष्पक्षता और विश्वसनीयता ही है
  • दरअसल संकट अपनी-अपनी जिम्मेदारी-जवाबदेही से विमुख हो जाने का है, राजनीति आत्मकेंद्रित हो गई है तो खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दिशाहीन

सत्ता के खेल में खिलाड़ी नहीं, रेफरी है मीडिया
सत्ता के खेल में खिलाड़ी नहीं, रेफरी है मीडिया
राज कुमार सिंह
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं
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मुख्य विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ द्वारा दूरदर्शन समेत नौ टीवी न्यूज चैनलों के 14 एंकरों के कार्यक्रमों के बहिष्कार का फैसला राजनीति और मीडिया से जुड़े कई सवाल खड़े करता है, जिनसे प्रभावित हुए बिना लोकतंत्र भी नहीं रह सकता। ‘इंडिया’ की नजर में इन एंकरों की निष्पक्षता और एजेंडा संदेहास्पद हैं। राजनीति हो या मीडिया, बिना विश्वसनीयता दोनों ही बेमानी हैं। प्रशंसा और अनुकूल बातें अच्छी लगना मानवीय कमजोरी है। इसलिए जब भी कोई मनमाफिक बात नहीं करता, अखरने लगता है। जब अखरना, खटकने में बदल जाता है, तब मनमुटाव की स्थिति बनती है। उस स्थिति में जिसके जो वश में होता है, वह करने में संकोच नहीं करता। इसी के चलते अतीत में भी राजनीति और मीडिया के रिश्ते प्रभावित होते रहे हैं।
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