जीवन के शुरुआती वर्ष-5
21. कोई ऐसी बीमारी या चोट, जिसे याद कर आज भी डर जाते हैं। 22. दादी-नानी की कुछ याद रखी जाने वाली सीखें, नुस्खे या बातें। 23. दादा-नाना की कुछ स्मृतियां।
24. परदादा-परनाना के बारे में यदि कुछ जानते हैं या रिश्तेदारों से जान सकते हैं तो वह सब भी… 25. आपके पूर्वज किस जगह से आए? यह जानकारी भी शामिल कर सकते हैं।
आत्म-मूल्यांकन की राह दिखाई
यह पहल खट्टे-मीठे अनुभव आने वाली पीढ़ी से बांटने की चाह रखने वालों का मार्गदर्शन करती है। साथ ही निर्णयों पर पुनर्विचार की प्रेरणा भी देती है। – अजिता शर्मा, उदयपुर
हर व्यक्ति का जीवन कहानियों-उपन्यासों का संग्रहालय होता है। ईमानदारी से लिख कर मूल्यांकन के लिए सार्वजनिक करने का साहस कम ही लोगों में होता है। पहल के लिए साधुवाद! – तारकनाथ चौधरी, भिलाई