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मेरा जीवन मेरी किताब: एक-दूसरे को करते रहें प्रेरित

locationनई दिल्लीPublished: Jan 21, 2021 02:09:08 pm

Submitted by:

Mahendra Yadav

आपके दोस्तों, सहेलियों, पड़ोसियों को भी अपने जीवन की किताब लिखने के लिए उत्साहित-प्रेरित करें। चूंकि सब एक-दूसरे से जुड़े हैं, उनके अनुभव निश्चित ही कोई सीख साबित होंगे।

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जिस तरह आत्मकथा लिखने के उपक्रम में उम्र का कोई बंधन नहीं, वैसे ही इसके लिए कोई भी व्यक्ति किसी के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन सकता है। एक मां अपनी बेटी, या पिता अपने बेटे को लिखने के लिए प्रेरित कर सकता है। बच्चे भी माता-पिता को इसके लिए प्रेरित कर सकते हैं। कोई करीबी हो या रिश्तेदार, एक-दूसरे को प्रेरित करें। आपके दोस्तों, सहेलियों, पड़ोसियों को भी अपने जीवन की किताब लिखने के लिए उत्साहित-प्रेरित करें। चूंकि सब एक-दूसरे से जुड़े हैं, उनके अनुभव निश्चित ही कोई सीख साबित होंगे। प्रत्यक्ष न सही, परोक्ष रूप से वे आपके बारे में कुछ जानेंगे, आप उनके बारे में कुछ जानेंगे। अगले पांच बिंदुओं को अपनी डायरी में नोट करना न भूलें। संभवत: इनसे आपको कुछ मदद मिल सके।
जीवन के शुरुआती वर्ष-5
21. कोई ऐसी बीमारी या चोट, जिसे याद कर आज भी डर जाते हैं।

22. दादी-नानी की कुछ याद रखी जाने वाली सीखें, नुस्खे या बातें।

23. दादा-नाना की कुछ स्मृतियां।
24. परदादा-परनाना के बारे में यदि कुछ जानते हैं या रिश्तेदारों से जान सकते हैं तो वह सब भी…

25. आपके पूर्वज किस जगह से आए? यह जानकारी भी शामिल कर सकते हैं।
आत्म-मूल्यांकन की राह दिखाई
यह पहल खट्टे-मीठे अनुभव आने वाली पीढ़ी से बांटने की चाह रखने वालों का मार्गदर्शन करती है। साथ ही निर्णयों पर पुनर्विचार की प्रेरणा भी देती है। – अजिता शर्मा, उदयपुर
हर व्यक्ति का जीवन कहानियों-उपन्यासों का संग्रहालय होता है। ईमानदारी से लिख कर मूल्यांकन के लिए सार्वजनिक करने का साहस कम ही लोगों में होता है। पहल के लिए साधुवाद! – तारकनाथ चौधरी, भिलाई
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