स्वास्थ्य विशेषज्ञ बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि कोरोना से सावधान रहने की जरूरत है। खासकर आगामी त्योहारी सीजन में, क्योंकि पिछली बार इसी सीजन में बरती गई लापरवाही ने दूसरी लहर को सिर उठाने का मौका दिया था। पिछले साल की गलतियां अब दोहराई गईं, तो मुसीबत बढऩे वाली है। इस महामारी से सबसे ज्यादा मौतें अमरीका में हुई हैं। तीसरी लहर का सामना कर रहे इस देश में कोरोना से मौतों का आंकड़ा सात लाख के पार पहुंच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) बार-बार आगाह कर रहा है कि महामारी पर काबू पाने में लंबा वक्त लग सकता है। दुनिया की अधिकतम आबादी के टीकाकरण के बाद ही सही मायने में राहत की उम्मीद की जा सकती है।
भारत में टीकाकरण अभियान में तेजी के बावजूद फिलहाल 25 फीसदी आबादी को ही टीके की दोनों डोज लगी हैं, जबकि 70 फीसदी आबादी कम से कम एक डोज ले चुकी है। अठारह साल से कम उम्र वाली आबादी तो अब भी सुरक्षा कवच से दूर है। देश में कोरोना के किसी नए वैरिएंट के सामने नहीं आने से हालात काबू में जरूर लगते हैं, लेकिन अगर लोग त्योहारों के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे, तो हालात फिर बिगड़ते देर नहीं लगने वाली। कोरोना के घटते-बढ़ते मामलों के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने हाल ही लोगों से अगले छह से आठ हफ्ते तक सतर्क और जागरूक रहने की अपील की है।
नवरात्रि, दुर्गा पूजा, छठ पूजा, दशहरा और दीपावली की तैयारियों के बीच लोग कोरोना नियमों की अनदेखी से जितना बचेंगे, उनके स्वास्थ्य के लिए उतना हितकर होगा। त्योहारों पर भीड़ से बचने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों ने गाइडलाइन जारी कर दी है। उम्मीद है, सभी नागरिक इसका पालन कर कोरोना को किसी तरह की खतरनाक करवट लेने का मौका नहीं देंगे।