ओपिनियन

“नो वर्क, नो पे” ही काफी नहीं

वर्तमान मानसून सत्र समेत संसद के पिछले
12 सत्रों में चार सत्र ऎसे रहे हैं जबकि संसद में तय कार्यक्रम का 25 फीसदी भी काम
नहीं हुआ

Aug 07, 2015 / 11:57 pm

शंकर शर्मा

Home / Prime / Opinion / “नो वर्क, नो पे” ही काफी नहीं

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.