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पीएम मोदी के जन्मदिन पर हुए रेकॉर्ड टीकाकरण के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने

locationनई दिल्लीPublished: Sep 20, 2021 08:57:01 am

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Patrika Desk

रेकॉर्ड के लिए थामे रखा टीकाकरण : युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी.विपक्ष की मंशा शुरू से भ्रम फैलाने की : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता

Gopal Krishna Agarwal - Srinivas BV

Gopal Krishna Agarwal – Srinivas BV

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर कोरोनावायरस के बचाव के लिए टीकाकरण के रेकॉर्ड को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। जहां सत्ता पक्ष अपनी पीठ थपथपा रहा है, वहीं विपक्ष इसे भाजपा शासित राज्यों में आंकड़ों की हेराफेरी का नाम दे रहा है। पेश हैं मुकेश केजरीवाल के सवाल और युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल के जवाब:

सवाल: देश को टीकाकरण की जरूरत है। पीएम मोदी के जन्मदिन पर रेकॉर्ड कायम करने में विवाद की क्या वजह हो सकती है?

जवाब:
श्रीनिवास बी.वी.- घबराहट में लक्ष्य रख लिया: जब लोग अस्पतालों के दरवाजे पर तड़प-तड़प कर मर रहे थे, जनता को सरकार की जरूरत थी, तब चेहरा भी नहीं दिखाया। अब इतनी देर से टीके लगाए जा रहे हैं उसमें भी खुद को धन्यवाद कहलाना चाहते हैं। कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक को डरा रहे हैं कि पीएम की फोटो के साथ ‘थैंक यू’ का बोर्ड लगाया जाए। युवा कांग्रेस ने बेरोजगार दिवस मनाने की घोषणा की तो घबराहट में इन्होंने उसी दिन टीकाकरण का लक्ष्य रख लिया।

गोपाल कृष्ण अग्रवाल– सरकार ने वादा पूरा किया: कोरोना को ले कर कांग्रेस और राहुल गांधी ने शुरुआत से ही भ्रम फैलाया। लोगों में टीकों को ले कर हिचकिचाहट पैदा करने वाली बातें कीं। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश तैयारी करता रहा, वे विदेश से टीके मंगवाने का दबाव बनाते रहे। कांग्रेस शासित राज्यों ने टीकाकरण प्रक्रिया को शुरुआत से ही विवादों के जरिए पटरी से उतारने की कोशिश की। अब हमने दुनिया में भारत का नाम ऊंचा करने वाला काम किया। विश्व भर में अनोखा रेकॉर्ड बनाया जिसकी संयुक्त राष्ट्र तक ने तारीफ की है। तो ये तो उस पर सवाल उठाएंगे ही। सरकार ने वादा किया था कि सितंबर से टीकाकरण की रफ्तार बहुत तेजी होगी।

सवाल: इस दिन टीकाकरण में जो भारी वृद्धि हुई वह अधिकांशत: भाजपा शासित राज्यों में ही दिखी। ऐसा क्यों?

जवाब:
श्रीनिवास बी.वी.- हेरा-फेरी में कांग्रेस कैसे साथ दे!: क्योंकि ये भाजपा शासित राज्यों में आसानी से आंकड़ों की हेरा-फेरी कर सकते थे। लोगों के खाते में 15 लाख रुपए देने की बात हो, हर साल 2 करोड़ रोजगार देने की बात हो या फिर कोरोना से मौतों की। हर जगह इन्होंने आंकड़ों से हेर-फेर कर आम जनता को मूर्ख बनाया है। इस हेरा-फेरी में कांग्रेस शासित राज्य कैसे मदद करते?

गोपाल कृष्ण अग्रवाल- विपक्ष ने किया लोगों का नुकसान: विपक्ष शासित राज्यों ने तो शुरुआत से ही टीकाकरण अभियान को ठप करने की कोशिश की है। छत्तीसगढ़ ने तो टीकाकरण को टालने के लिए कई प्रयास किए। बाद में जब हर ओर से उन पर दबाव बनने लगा तब साथ आए। दूसरी तरफ भाजपा ने अपने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को आदेश दिया कि वे कम से कम 25 लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। हमने इसे आंदोलन की तरह लिया। टीकाकरण केंद्र में मदद सहित सभी तरह का सहयोग किया। लेकिन इस दिन भी कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर देश के प्रधानमंत्री को अपमानित करने वाले अभियान चलाए। यह सब कर के इन्होंने अपने राज्य के लोगों का काफी नुकसान किया है।

सवाल: क्या बड़ा रेकॉर्ड बनाने पहले इसकी रफ्तार कम की गई? वास्तव में हमारी दैनिक क्षमता इतनी नहीं है तो फिर इसका क्या लाभ?

जवाब:
श्रीनिवास बी.वी.– लोगों की जान से हुआ खिलवाड़: एक आदमी के जन्मदिन को इवेंट बनाने के लिए इन्होंने लोगों की जान से खिलवाड़ किया। जहां ज्यादा टीकाकरण हुआ, वहां एक सप्ताह का औसत देख लीजिए। या तो जन्मदिन से पहले लोगों को टीके लगाए नहीं गए या पहले के टीकों को जन्मदिन के मौके पर फीड किया गया ताकि संख्या बढ़ी हुई दिखे। इन्हें लोगों की जान से नहीं अपने नाम से मतलब है। आज भी सिर्फ १३ प्रतिशत लोगों को ही दो डोज लगी हैं। ११३ देश हमसे आगे हैं।

गोपाल कृष्ण अग्रवाल- उपलब्धि सिर्फ एक दिन नहीं: यह काम बड़े स्तर पर लोगों में जागरूकता ला कर और इसके लिए संसाधन उपलब्ध करवा कर किया गया है। सिर्फ एक दिन नहीं हुआ है। अब तक देश में 80 करोड़ से ऊपर डोज लगाई जा चुकी हैं। इससे पहले भी हमने हाल के दिनों में कई बार एक करोड़ से अधिक के लक्ष्य को हासिल किया है। अब कोशिश है कि रोजाना ही एक करोड़ से अधिक टीकाकरण हो।

सवाल: क्या टीकाकरण के साथ ही कोरोना से बचाव के दूसरे प्रयास भी हो रहे हैं?

जवाब:
श्रीनिवास बी.वी.- लापरवाही से गिरी लोकप्रियता: कोरोना को इस स्थिति तक पहुंचाया ही सरकार की लापरवाही ने। कोरोना के बीच भी इवेंट के लिए ट्रंप को ले आए और नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम किया। लोग मरते रहे और ये चुनाव प्रचार करते रहे। जबकि राहुल गांधी के एक निर्देश पर हमने सारे कार्यक्रम बंद कर के खुद को सिर्फ लोगों की सेवा में लगा दिया। जब लोगों की जान जा रही थी, सारे भाजपा नेता घरों में कैद थे, हम सड़कों पर थे। इनकी लोकप्रियता इतनी गिर गई है कि 17 सितंबर को बेरोजगार दिवस के 55 लाख ट्वीट हुए जबकि जन्मदिन के सिर्फ 5 लाख।

गोपाल कृष्ण अग्रवाल – बेहद बदहाल था स्वास्थ्य ढांचा: सरकार कोरोना से लडऩे के लिए हर तरह के प्रयास कर रही है। हमें जो स्वास्थ्य ढांचा विरासत में मिला था, वह बेहद बदहाल था, लेकिन उसे बहुत तेजी से मजबूत किया गया है। पूरी तैयारी है कि अगर तीसरी लहर आती भी है तो उसमें लोगों को दवा, बेड, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर जैसी चीजों की कोई कमी नहीं हो। स्वास्थ्य जैसे राज्य के विषय पर विपक्ष शासित राज्य सरकारों को भी गंभीरता से काम करना चाहिए।

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