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सेहत : चिकित्सकों के अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का ‘टूलकिट’

locationनई दिल्लीPublished: Jun 01, 2021 07:59:30 am

चिकित्सकों पर लगातार कई दिनों तक कठिन परिस्थितियों में घंटों तक काम करने का न केवल व्यावसायिक, बल्कि नैतिक दबाव भी है।

सेहत : चिकित्सकों के अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का 'टूलकिट'

सेहत : चिकित्सकों के अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का ‘टूलकिट’

डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी

करीब 100 दिनों से लगातार कोविड वार्ड की जिम्मेदारी संभाल रही डॉ. धनु (परिवर्तित नाम) मनोचिकित्सक को फोन पर बताती है कि उसे कई दिनों से नींद नहीं आ रही। कुछ अच्छा नहीं लगता, काम में उत्साह खत्म सा हो रहा है, कई बार घर पर भी उन्हें आइसीयू की बीप जैसा महसूस होता है। मनोचिकित्सक उसका इलाज शुरू करते हैं। कोरोना के बाद समूचे विश्व में चिकित्सकों पर अचानक भारी जिम्मेदारी आ पड़ी है। उन पर लगातार कई दिनों तक कठिन परिस्थितियों में घंटों तक काम करने का न केवल व्यावसायिक, बल्कि नैतिक दबाव भी है।

दूसरी लहर से मची अफरा-तफरी से बहुत से चिकित्सकों ने स्वयं को असहाय और हताश महसूस किया। उनके सामने बड़ी संख्या में लोग मौत के मुंह में समा गए। कई चिकित्सकों ने अपने ही साथी चिकित्सकों को काल के गाल में समाते देखा। वेतन विसंगतियों एवं हतोत्साहन का भी सामना करना पड़ा। कार्य के दबाव के बाद घर पहुंचकर अपने परिजनों से भी दूर रहना, उनके लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। मनोविज्ञान के शोध बताते हैं कि महामारी/युद्ध जैसी परिस्थितियों के बाद अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं में मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए चिकित्सक इस मामले में जागरूक हों, ताकि शुरुआती दौर में ही इन समस्याओं से बचा जा सके। यहां बताए जा रहे ‘टूलकिट’ को अपनाकर वे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं।

सर्वप्रथम स्वयं को भगवान मानने से बचें। इसके दो फायदे होंगे, पहला, आप अपने स्वास्थ्य में आ रहे बदलावों के प्रति सजग होंगे। इससे आप उचित समय पर सलाह लेकर स्वस्थ रह सकेंगे। दूसरा, आप व्यावसायिक सीमा को स्वीकार कर पाएंगे। कार्य नहीं कर पाने की स्थिति में ‘ना’ कहना सीखें। अपने साथी चिकित्सकों एवं विभाग प्रमुख से यह कहने में तनिक भी संकोच न करें कि आपका अच्छा मानसिक स्वास्थ्य भी आपका अधिकार है। कोविड काल लंबा चलने वाला है। जुनून की बजाय पेशेवर होने को वरीयता दें। मरीजों एवं परिजनों से वास्तविक स्थिति के आधार पर संवाद करें।

अपने घर वालों एवं दोस्तों से तकनीक के माध्यम से अवश्य जुड़े रहें। अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। तनाव मुक्ति और नींद के लिए नशे का इस्तेमाल करने से बचें। नींद का सर्वाधिक ध्यान रखने की जरूरत है। दिन में कोई भी एक एक्टिविटी ऐसी जरूर करें, जो आपका ध्यान व्यावसायिक कार्य से हटाए। तनाव मुक्ति के लिए कसरत करना, टहलना बेहद प्रभावी हैं। खिन्नता, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा ,नैराश्य या घबराहट की स्थिति में मनोचिकित्सक की सलाह लेने में परहेज न करें। ध्यान रखें कि आप न केवल समाज, बल्कि अपनों के लिए भी बेहद महत्त्वपूर्ण हैं।

(लेखक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट और सुसाइड के खिलाफ ‘यस टु लाइफ’ कैंपेन चला रहे हैं)

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