scriptनई पहल | PM Modi's New Initiative for 15th August | Patrika News

नई पहल

locationजयपुरPublished: Jul 21, 2019 09:10:01 pm

Submitted by:

dilip chaturvedi

अगर जनता से प्रधानमंत्री का संवाद स्थापित होता है और उससे भविष्य के लिए कुछ सकारात्मक पहल होती है तो यह वाकई में सार्थक प्रयास होगा

PM Modi New Initiative

PM Modi New Initiative

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर पर बोलेंगे तो उनका भाषण कुछ अलग अंदाज का होगा। ऐसा इशारा उन्होंने खुद किया है। उन्होंने पूरे देश की जनता से आग्रह किया है कि वे 15 अगस्त को लाल किले पर होने वाले उनके भाषण के विषयों को लेकर सुझाव दें। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि मुझे अपने 15 अगस्त के भाषण में आपके सुझाव शामिल करने में खुशी होगी। आपके विचार 130 करोड़ देशवासी सुनेंगे। आप नमो एप पर विशेष रूप से बनाए ओपन फोरम में जाकर अपने सुझाव दे सकते हैं। शायद यह पहला मौका होगा, जब प्रधानमंत्री ने लालकिले पर अपना भाषण देने से पहले देश वासियों से सुझाव मांगे हैं। अभी तक की परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री अपने विभागों के काम और प्रगति के आधार पर बनाए हुए सरकारी भाषण को ही पढ़ते आए हैं। पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनव पहल की है। तय है कि जनता के बहुमूल्य सुझाव प्रधानमंत्री को मिलेंगे। कहीं न कहीं प्रधानमंत्री ने अपने भाषण को जन संवाद से जोडऩे का प्रयास किया है।

सोशल मीडिया का सिद्धांत आपसी संवाद पर आधारित है। आप अपनी बात कहकर बाहर नहीं हो सकते हैं, आपको दूसरे पक्ष को भी सुनना पड़ेगा। सोशल मीडिया के युग में प्रधानमंत्री भी इस अवधारणा को पहचानते हैं, तभी तो उन्होंने परस्पर संवाद स्थापित करने की कोशिश की है। तय मानकों से हटकर अगर देश के लोगों से प्रधानमंत्री का संवाद स्थापित होता है और उससे भविष्य के लिए कुछ सकारात्मक पहल होती है तो यह वाकई में सार्थक प्रयास साबित होगा। देशवासियों के सामने विकल्प है कि वे प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं। देश के भविष्य के बारे में अपनी राय दे सकते हैं। उन राय पर अमल करना, नहीं करना सरकार का काम है। लेकिन, हमारी भी कोशिश होनी चाहिए कि संवाद के इस प्रयास से जुड़ें और उपयोगी सुझाव दें। प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह पहला स्वतंत्रता दिवस है। पिछले कार्यकाल से शुरू हुई मन की बात के प्रयास से प्रधानमंत्री ने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की।

उसके सहारे देश के आम आदमी तक संबंध बनाने का प्रयास भी किया है। अब उन्होंने उससे एक कदम आगे बढऩे की कोशिश की है। जनता की बात सुनने की पहल की है। यह आम आदमी के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ करने का प्रयास है। इसकी खुले मन से सराहना होनी चाहिए। इस वक्त देश को ऐसे सिस्टम की जरूरत है, जहां पर आम आदमी अपनी बात सीधे हुक्मरानों तक पहुंचा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने भी शायद इसी को ध्यान में रखकर यह प्रयास शुरू किया है। परिणाम क्या होंगे, इसकी फिक्र नहीं होनी चाहिए। स्वागत होना चाहिए ऐसे प्रयास का, जिसमें परस्पर संवाद की भूमिका गढ़ी गई है। देश के विजन में उन लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका भी जरूरी है, जो सत्ता प्रतिष्ठानों से बाहर बैठे हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो