फिटनेस के लिए समय निकालें
नियमित शारीरिक गतिविधि में संलग्न होना तनाव को कम करने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का एक शानदार तरीका है। शोध से पता चलता है कि “फिट व्यक्तियों” को निष्क्रिय और गतिहीन व्यक्तियों की तुलना में संक्रमण की सम्भावना कम होती है। शारीरिक रूप से सक्रिय होने से पुरानी बीमारियों के जोखिम को भी कम करने में मदद मिल सकती है (हृदय रोग, मधुमेह और मोटापा) जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को और कमजोर कर रही हैं।
कोरोना रोग में ॐ की शक्ति …
इन चिकित्सकीय सबूतों पर विचार करें:
1. बीमार कोरोना रोगियों के उपचार के लिए नाइट्रिक ऑक्साइड का उपयोग किया जा रहा है।
2. ॐ जप से नाक में नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन बढ़ता है।
3. ॐ का जप अंतरराष्ट्रीय परीक्षणों में फेफड़े की कार्यक्षमता में सुधार के लिए सिद्ध हुआ है।
ओम् ’क्यों? अपने धार्मिक मूल के बावजूद, ॐ एक मंत्र है जो कि कोई भी धर्म या अध्यात्म अपने मन, शरीर और आत्मा को संरेखित करने के लिए जप कर सकता है। ओम को ब्रह्मांड की ध्वनि का प्रतिनिधित्व कहा जाता है।
कई शोधों में वैज्ञानिक रूप से मंत्र-आधारित ध्यान तकनीक के सैद्धांतिक और प्रायोगिक पहलुओं का विश्लेषण किया गया है। इनमें पता चला है कि अगर आप व्याकुल ना भी हों, तब भी ॐ का जाप सतर्कता बढ़ा सकता है, जो हृदय गति में कमी के कारण होता है। इससे तनाव और अवसाद से संभावित राहत मिलती है। ॐ का जाप करते समय होने वाला कंपन पूरे शरीर में नसों को उत्तेजित करता है और मस्तिष्क को प्रभावित करता है।ॐ मंत्र ध्वनि की सही आवर्ती शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाती है।
कोरोना वायरस संबंधित संक्रमण (COVID-19) के कारण गंभीर श्वसन सिंड्रोम (SARS-CoV2) होता है, जो हाइपोक्सिमिया का कारण होता है। आज तक इस के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। इन-विट्रो और नैदानिक साक्ष्यों से संकेत मिलता है कि साँस की नाइट्रिक ऑक्साइड गैस (iNO) में श्वास यंत्र के सुधार के अलावा कोरोनोवायरस के खिलाफ एंटीवायरल गतिविधि भी है।
ऐसे कई शोध हैं जिनमें ॐ जप के प्रभाव से नियंत्रण समूह की तुलना में, विभिन्न श्वास यंत्र सम्बन्धी मापदंडों में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया।ॐ के उच्चारण से ना केवल श्वसन क्षमता बढ़ती है अपितु हमारे नाक के साइनस में नाइट्रिक आक्सायड का उत्पादन होता है। यह दोनों ही तंत्र, कोरोना सम्बन्धी श्वसन विकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।