नई दिल्लीPublished: Nov 25, 2021 08:44:52 am
भुवनेश जैन
अभिभावकों को ही आगे आना होगा। उन्हें कम से कम यह तो करना चाहिए कि स्कूल जा रहे अपने बच्चों का कोरोना टेस्ट तुरन्त करवा लें। इससे न केवल वे अपने बच्चों के प्रति सावधान हो जाएंगे। बल्कि कोरोना का संक्रमण स्कूलों के अन्य बच्चों में तथा परिवार के अन्य सदस्यों में फैलने से रोकने में भी बड़ी भूमिका अदा कर सकेंगे।
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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के उतार के समय कई विशेषज्ञों ने तीसरी लहर के प्रति चेताया था। उन्होंने कहा था कि हमने सावधानी नहीं बरतीं तो साल के आखिर तक तीसरी लहर आ सकती है। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आएंगे। दुर्भाग्य से उनकी आशंका सच होती प्रतीत हो रही है। राजधानी जयपुर में पिछले एक सप्ताह से जो हालात बन रहे हैं, वे इस आशंका को बल दे रहे हैं। हम अब भी नहीं संभले तो हालात नियंत्रण से बाहर होते देर नहीं लगेगी।
जयपुर के एक ही स्कूल जयश्री पेड़ीवाल में अब तक एक दर्जन से अधिक बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं। इसके अलावा एस.एम.एस. स्कूल और नीरजा मोदी स्कूल में भी मामले मिले हैं। अभिभावकों का मानना है कि आधिकारिक रूप से आंकड़े कम बताए जा रहे हैं, जबकि बच्चों में संक्रमण कहीं ज्यादा फैल चुका है। ‘राजस्थान पत्रिका’ की ओर से प्रदेश भर में कराए गए एक सर्वे में 67 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि बच्चे स्कूलों में कोविड गाइडलाइन की पालना करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में ज्यादा जिम्मेदारी सरकार, स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की बन जाती है।
सरकार की कार्यप्रणाली देखी ही जा चुकी है। केवल बयानों में कोविड से लड़ा जा रहा है। विवाह-समारोहों, राजनीतिक कार्यक्रमों, क्रिकेट मैच सब जगह भीड़भाड़ एकत्र होने की खुलकर छूट दी जा चुकी है। प्रतिदिन क्षमता की तुलना में जांचों की संख्या काफी कम है। मास्क पहनो या न पहनो, कोई पूछने वाला नहीं। स्कूल प्रबंधकों का गैरजिम्मेदाराना रवैया भी देखा जा चुका है। बच्चों की सुरक्षा अभिभावकों के जिम्मे छोडकऱ वे अधिक से अधिक फीस वसूली के टार्गेट पूरा करने में मशगूल हैं।
ऐसे में अभिभावकों को ही आगे आना होगा। उन्हें कम से कम यह तो करना चाहिए कि स्कूल जा रहे अपने बच्चों का कोरोना टेस्ट तुरन्त करवा लें। इससे न केवल वे अपने बच्चों के प्रति सावधान हो जाएंगे। बल्कि कोरोना का संक्रमण स्कूलों के अन्य बच्चों में तथा परिवार के अन्य सदस्यों में फैलने से रोकने में भी बड़ी भूमिका अदा कर सकेंगे।
जयपुर जिले में दीपावली से पहले 25 अक्टूबर को कोरोना के मात्र 10 एक्टिव केस शेष रह गए थे। यह संख्या बढकऱ 87 हो चुकी है। प्रदेश में यह आंकड़ा 17 से बढकऱ 141 हो चुका है। अकेले जयपुर जिले में इस माह 20 वर्ष से कम आयु के 25 संक्रमित मिल चुके हैं। ये आंकड़े चेतावनी देने वाले हैं। कम से कम अभिभावकों को तुरन्त सचेत हो कर बच्चों का कोरोना टैस्ट करा लेना चाहिए। इतना भी हम करा पाए तो तीसरी लहर में अपने आंखों के तारों को बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा पाएंगे।
bhuwan.jain@epatrika.com