पक्षियों के सालाना सम्मेलन के लिए तैयार करें जलाशय
Published: May 12, 2023 11:35:55 pm
- विश्व प्रवासी पक्षी दिवस: 13 मई
- दुर्भाग्यवश, भारत के सभी जलाशय संकटग्रस्त हैं, खास तौर पर विषाक्त प्रदूषकों के कारण। पंखों वाले अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के आने में पांच माह का समय है। यही समय है उनके स्वागत की तैयारियों में जुट जाने का।


पक्षियों के सालाना सम्मेलन के लिए तैयार करें जलाशय
शैलेंद्र यशवंत
पर्यावरणीय विषयों के जानकार और सामाजिक कार्यकर्ता
................................................................................ विश्व में हर साल दो बार प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जाता है - मई और अक्टूबर माह के दूसरे शनिवार को। इस तरह इस वर्ष हम 13 मई और 14 अक्टूबर विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द्ध में पक्षियों के प्रवास की अवधि में बदलाव होता रहता है। हर साल 29 देशों से पक्षी भारत के लिए उड़ान भरते हैं। भारत आने वाले पक्षियों की 250 या उससे अधिक प्रजातियों में से कुछ आज विलुप्ति के कगार पर हैं। इनमें हैं पश्चिमी रूस के साइबेरियाई सारस जो भरतपुर, राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पहुंचते हैं। एक हैं अजीबोगरीब से दिखने वाले मैडागास्कर के कॉम्ब डक या ‘नटका’, जिन्हें हरियाणा की झीलों के आस-पास देखा जा सकता है। इसी तरह एक अन्य प्रवासी पक्षी है बाज प्रजाति का अमूर फाल्कन। ये लंबा सफर तय करके पूर्वी एशिया में अपने प्रजनन स्थलों से सर्दियों के प्रवास स्थल दक्षिणी अफ्रीका का रुख करते हैं और सफर के बीच में मणिपुर व असम में कुछ दिन के लिए ठहरते हैं। आम तौर पर ये पक्षी अक्टूबर माह तक यहां पहुंचने लगते हैं और दिसंबर तक हर साल देश के जलाशय जैसे टैंक, तालाब, झीलें, नदी तट, आर्द्र भूमि, खाडिय़ां व समुद्र तट इन रंग-बिरंगे चहचहाते आगंतुकों की मेजबानी करते हैं। ये आगंतुक यूरोप, उत्तरी अमरीका, अलास्का एवं उत्तरी एशिया के समुद्रों व महाद्वीपों से यहां पहुंचते हैं। ठीक वैसे ही जैसे हर साल जी-20 सम्मेलन के प्रतिनिधि एक जगह एकत्रित होते हैं।