2. एक सुरक्षित व उत्साहजनक वातावरण बनाना: अधीनस्थों को ऐसा माहौल देना जो उन्हें उनकी इच्छाएं समझने में मदद करे, मनोविज्ञानी पद्धति का एक प्रमुख घटक है। यह एक संगठनात्मक संस्कृति विकसित करने पर जोर देता है जो खुले संचार व सहयोग के साथ ईमानदारी, पारदर्शिता व भेद्यता को महत्त्व देता है। जो लीडर असहयोगी वातावरण को बढ़ावा देते हैं, उनके अधीनस्थ असंतुष्ट और निराश होते हैं और वे बदलाव के प्रयासों का सक्रिय रूप से विरोध भी कर सकते हैं।
3. अचेतन/अवचेतन उद्देश्यों की पहचान-निपटान: यदि एक लीडर स्वयं के अनुमानों व अचेतन पूर्वाग्रहों के प्रति जागरूक है, तो सक्रिय रूप से दूसरों से उनके विचार सुनकर संघर्ष को हल करने का प्रयास कर सकता है। इससे विविधता-समावेशिता आधारित संस्कृति विकसित होती है और स्पष्ट बातचीत को प्रोत्साहन मिलता है।
4. ‘पावर डायनामिक्स’: कंपनियों में पावर डायनामिक्स एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। लीडर के लिए साइकोडायनामिक दृष्टिकोण के उपयोग से संगठन के भीतर जटिल सामाजिक-राजनीतिक ताकतों को समझना आसान होगा। यह एक लीडर को नैतिक व प्रभावी रूप से शक्ति संरचनाओं के प्रबंधन में सहायता करेगा। इसके अलावा, मनोवैज्ञानिक रूप से व्यवहार का विश्लेषण करने की दिशा में झुकाव भी लीडरों को दूसरों के व्यवहार को प्रभावित करने में निपुण बना सकता है।
अत: एक लीडर जो अपनी शक्ति की गतिशीलता के बारे में जागरूक है, ऐसी योजनाएं विकसित कर सकता है जो अधिकार और शक्ति के अधिक निष्पक्ष आवंटन को प्रोत्साहित करे और सभी को अधिक नेतृत्व की स्थिति स्वीकारने में सक्षम करे। इससे स्पष्ट प्रतिक्रिया व खुले संचार को प्रेरित करने वाली संस्कृति विकसित होगी।