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नेतृत्व : मनोवैज्ञानिक सुरक्षा महत्त्वपूर्ण

locationनई दिल्लीPublished: Jul 08, 2021 12:32:35 pm

मनोवैज्ञानिक सुरक्षा को एक व्यक्ति के दृढ़ विश्वास के रूप में परिभाषित किया जाता है, कि उसे अपने वास्तविक विचारों, चिंताओं, प्रश्नों या त्रुटियों को खुले तौर पर व्यक्त करने के लिए अपमानित, दंडित या शर्मिंदा नहीं किया जाएगा।

नेतृत्व : मनोवैज्ञानिक सुरक्षा महत्त्वपूर्ण

नेतृत्व : मनोवैज्ञानिक सुरक्षा महत्त्वपूर्ण

प्रो. हिमांशु राय , (निदेशक, आइआइएम इंदौर)

लम्बे समय से ‘कार्यस्थल पर सुरक्षा’ विषय चर्चा का केंद्र रहा है। वर्तमान महामारी ने एक बार फिर प्रबंधकों और लीडरों के समक्ष यह विषय प्रस्तुत किया है, ताकि वे पुन: अपने संगठन के कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा नीतियों पर विचार कर उन्हें फिर से स्थापित कर सकें। यह लीडरों के लिए न केवल भौतिक सुरक्षा, बल्कि सुरक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए उन्हें समग्र और समावेशी बनाने का अवसर है। इस संदर्भ में व्यवहार वैज्ञानिकों के बीच लोकप्रिय ‘मनोवैज्ञानिक सुरक्षा’ को टीम निर्माण और कर्मचारियों के प्रदर्शन में वृद्धि के लिए एक महान उपकरण माना गया है।

मनोवैज्ञानिक सुरक्षा को एक व्यक्ति के दृढ़ विश्वास के रूप में परिभाषित किया जाता है, कि उसे अपने वास्तविक विचारों, चिंताओं, प्रश्नों या त्रुटियों को खुले तौर पर व्यक्त करने के लिए अपमानित, दंडित या शर्मिंदा नहीं किया जाएगा। इसे प्रतिष्ठित हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में नेतृत्व और प्रबंधन की प्रो. एमी एडमंडसन द्वारा विकसित और परिभाषित किया गया था, जो टीमों पर उनके अनुकरणीय कार्य के लिए भी प्रसिद्ध हैं। एमी सुझाती हैं कि वे समूह और दल, जहां सदस्य खुले तौर पर अपने प्रश्न, संदेह, विचार साझा कर सकते हैं, त्रुटियां स्वीकार सकते हैं, असहमति व्यक्त कर सकते हैं, अंतत: बेहतर प्रदर्शन और उच्च व्यक्तिगत योगदान वाली टीम के रूप में उभरते हैं।

कार्यस्थल पर मनोवैज्ञानिक सुरक्षा, संगठनात्मक संस्कृति में प्रामाणिकता, खुलेपन और समावेशिता की नींव बनाती है। पारंपरिक कार्यालय वातावरण की तुलना में रिमोट वर्किंग वाली वर्चुअल टीमों के बीच सीमित संपर्क के कारण यह अब पहले से अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया है। महामारी के दौरान कर्मचारी चिंतित हैं और कई अटकलों का सामना कर रहे हैं और वर्क फ्रॉम होम के चलते कार्यस्थल की औपचारिक बैठकों और घरेलू जिम्मेदारियों के बीच व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करने के अतिरिक्त तनाव भी झेल रहे हैं। मनोवैज्ञानिक सुरक्षा उन्हें नई और बदलती हुई वास्तविकताओं के बीच प्रभावी ढंग से योगदान देने हेतु सशक्त बना सकती है।

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