scriptनिगहबान : सफर मेवाड से पावन रिश्ते का | rajasthan patrika udaipur foundation day, 40 year, nigehban, udaipur | Patrika News

निगहबान : सफर मेवाड से पावन रिश्ते का

locationजयपुरPublished: Dec 21, 2020 08:38:19 pm

Submitted by:

Sandeep Purohit

निगहबान

संदीप पुरोहित

संदीप पुरोहित

संदीप पुरोहित

राजस्थान पत्रिका सूचनाओं का सम्प्रेषक मात्र नहीं है। लोकशाही के कथित चौथे स्तंभ मीडिया के प्रतिमानों का दर्पण है। समाचार पत्र को जैसा व्यवहार करना चाहिए ठीक उसी के अनुरूप हम कार्य कर रहे हैं। हमारी परिधि के केंद्र में सत्ता लोभ लालच नही हमारा पाठक है। उसी का परिणाम है कि पत्रिका का उदयपुर में 40 वां स्थापना दिवस मनाया।
सत्य परखता, पारदर्शिता, निष्पक्षता और निडरता के कारण ही पाठक और पत्रिका का यह पावन सम्बंध स्थापति हुआ है। हमारे इस सम्बंध के बारे में क्या लिखूं। समझ नहीं आता। इसका क्या वर्णन करूं। जो वर्णन परे है। कहते हैं कि ईश्वर को देखने के लिए मरना होता है। जो तपस्या करके सशरीर देखता है वह सिद्ध होता है। पाठक का और पत्रिका का सम्बंध भी इसी श्रेणी में आता है। हम अपने मूल्यों के तप के साथ अपने अधिपति से रोज मिलते हैं। हमारा पाठक ही हमारा राजहंस हैं।
विगत वर्षो में मेवाड के गौरव और उसकी अस्मिता के मूल्यों के संस्थापन में पत्रिका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। धरोहर के संरक्षण से लेकर विकास के हर मुददे को उठाया। आदिवासियों को वन अधिकार पत्र दिलाने से लेकर उदयपुर को स्मार्ट सिटी में शामिल कराने में पत्रिका के भागीरथी प्रयासों को कौन नहीं जानता है। झीलों और पहाडों के संरक्षण,पासपोर्ट का कार्यालय, रिंग रोड,सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, छोटे तलाबों की पैमाइश, उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन ऐसे अनेक मामले हैं जो पत्रिका ने उठाए। इनकी फेहरिस्त बहुत लंबी है।
पत्रिका की टीम ने बिना राग-द्वेष काम किया। हमने खबरों की मंडी नहीं सजाई बल्कि भाव के भाव, जस के तस जो देखा उसे अपने पाठकों के समक्ष रखा। सदाबाहर के फूलों को कोई भी ऋतु प्रभावित नहीं करती है। ठीक उसी तरह हमारी खबरें कभी भी प्रभावित नहीं होती हैं। हम तो सिर्फ खबरों के ट्रस्टी मात्र हैं।
आदिवासी अंचल के इस क्षेत्र में पत्रिका समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों का प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहा है। उनके संघर्ष की जिजीविषा हमारे लिए चटकारे का विषय नही रहा बल्कि उनके साथ कदम से कदम मिलाकर उनके हक की लडाई लडी है।
पत्रिका कोई सोशल मीडिया या ट्विटर हैंडल से खबरें निकाल कर ड्राइंगरूम की शोभा बढ़ाने वाला समाचारपत्र नहीं है। बल्कि आवाम के दुख दर्द में सहभागी है। हमारी समाचारों में ओज है तो पीड़ित की लाचारियों की अभिव्यक्ति भी है। समाज को बदलने की ललक है पर झूठी जिद नहीं है। कुरीतियों पर प्रहार है पर अपनी मान्यताओं और गौरवमयी परंपराओं के संरक्षण का पावन संकल्प भी है।
भावनाओं की आभामयी रंगिनियों के इंद्नधनुष को कल्पना की उड़ान के साथ, रचना के शिल्प को हम आपके सामने लेकर आते रहेंगे। यह क्रम अनवरत 39 साल से जारी है। जारी रहेगा। 40वां स्थापना दिवस है मना रहे। आपका स्नेह और विश्वास हमें संबल देता है। ताकत देता है। अनैतिकता के खिलाफ लड़ने का साहस देता है। बस यही आकांक्षा है कि आप यह विश्वास बनाए रखें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो