script

ये भी जानें: हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट से पीछे हटने से चीन के इनकार की वजह

locationनई दिल्लीPublished: Apr 20, 2021 08:09:48 am

– पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बीते वर्ष मई में हुई थी तनाव की शुरुआत।- दोनों इलाके कोंगका दर्रे के नजदीक हैं, जिसे लेकर चीन का दावा है कि यह भारत-चीन सीमा चिह्नित करने वाले मुख्य दर्रों में एक है ।- वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की गश्त के लिए चाइना स्टडी ग्रुप चिह्नित करता है पट्रोलिंग पॉइंट।- पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के गलवान उपक्षेत्र में चांग चेनमो नदी के किनारे पर स्थित हैं हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट।

ये भी जानें: हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट से पीछे हटने से चीन के इनकार की वजह

ये भी जानें: हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट से पीछे हटने से चीन के इनकार की वजह

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाएं पिछले वर्ष मई से आमने-सामने हैं। एलएसी पर बढ़े तनाव को कम करने की दिशा में ताजा सैन्य वार्ता किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। दोनों देशों के बीच 11वें दौर की ९ अप्रेल को हुई कमांडर स्तरीय वार्ता में चीन ने मूल रूप से विवाद के चार बिंदुओं में से दो बिंदुओं से सेना हटाने से न केवल इनकार कर दिया है, बल्कि यहां तक कह दिया है कि सेनाओं के पीछे हटने को लेकर भारत ने पैंगोंग झील क्षेत्र में जो कुछ भी हासिल किया है, उसी में ‘खुश’ रहे। चीनी सेना हॉट स्प्रिंग्स के पट्रोलिंग पाइंट 15 (पीपी 15) और गोगरा पोस्ट के निकट पीपी 17ए पर जमी बैठी है। चीन ने यहां बख्तरबंद गाडिय़ों के साथ प्लाटून की तैनाती की है।

बीते वर्ष क्या हुआ था एलएसी पर-
मई 2020 में चीन ने अपने सैनिकों को, जो तिब्बत के पठार में अपने वार्षिक सैन्य अभ्यास के लिए आए थे, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की ओर भेज दिया था, जिसकी वजह से तनातनी वाले चार इलाकों में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए थे। इनमें से दो पीपी15 और पीपी17ए थे, जबकि अन्य दो बिंदु गलवान घाटी में पीपी14 और पैंगोंग झील का उत्तरी क्षेत्र थे। चीनी सेना ने इन चारों बिंदुओं पर एलएसी पार कर कब्जा जमा लिया था। सबसे ज्यादा घुसपैठ पैंगोंग झील के उत्तरी क्षेत्र में रही, जहां उन्होंने फिंगर-4 तक कब्जा जमा लिया था। यह इलाका भारत के अधिकार क्षेत्र फिंगर-8 से आठ किमी. पश्चिम में है।

क्या हैं पीपी15 और पीपी17ए-
चीन से लगती पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ भारतीय सेना के लिए कुछ स्थान चिह्नित किए गए हैं जहां उसके सैनिक अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में गश्त करने के लिए पहुंच सकते हैं। इन बिंदुओं को पट्रोलिंग पॉइंट्स या पीपी कहते हैं। ये पॉइंट्स चाइना स्टडी ग्रुप (सीएसजी) तय करता है। सीएसजी की शुरुआत १९७६ में तब हुई थी, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं।

सीएसजी पर चीन से जुड़े तमाम नीतिगत फैसले करने का दायित्व था। देपसांग जैसे कुछ जटिल इलाकों को छोड़कर, सभी पट्रोलिंग पॉइंट्स एलएसी पर हैं। भारत-चीन के बीच आधिकारिक सीमांकन न होने के चलते ये पॉइंट्स महत्त्वपूर्ण हैं। पूरी एलएसी पर 65 पट्रोलिंग पॉइंट्स और कुछ अल्फा पॉइंट्स हैं, जो वास्तविक पट्रोलिंग पॉइंट्स से आगे हैं। पीपी17ए, पीपी17 के निकट एक अल्फा पॉइंट है।

कहां स्थित हैं ये दोनों इलाके-
हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट, दोनों ही इलाके पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के गलवान उपक्षेत्र में चांग चेनमो नदी के किनारे पर स्थित हैं। जहां स्प्रिंग्स चांग चेनमो नदी के ठीक उत्तर में है, वहीं गोगरा चौकी की स्थिति उस बिंदु के पूर्व में है जहां नदी गलवान घाटी के दक्षिण-पूर्व से आती है और दोहरा मोड़ लेती हुई दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ जाती है।

यह क्षेत्र कराकोरम की पहाडिय़ों के उत्तर में है, जो पैंगोंग झील के उत्तर की ओर और गलवान घाटी के दक्षिण-पूर्व में है। इसी जगह पर जून 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के आमने-सामने आ जाने के बाद हिंसक झड़प हुई थी, उस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीनी सेना के कम से कम चार सैनिक मारे गए थे। यह क्षेत्र कोंगका दर्रे के करीब है।

क्या है इस क्षेत्र का महत्त्व –
चीन का दावा है कि कोंगका दर्रा भारत-चीन के बीच सीमा चिह्नित करने वाले मुख्य दर्रों में एक है। जबकि भारत का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा यहां से पूर्व की ओर है, जिसमें अक्साई चिन क्षेत्र भी शामिल है। 1960 में सीमा निर्धारण पर आधिकारिक वार्ता के दौरान चीन का कहना था- ‘सीमा रेखा का पश्चिमी क्षेत्र दो भागों में बंंटा है और कोंगका दर्रा विभाजक बिंदु है। कोंगका दर्रे का उत्तरी हिस्सा झिनझियांग और लद्दाख के बीच की सीमा है और दक्षिणी हिस्सा तिब्बत और लद्दाख के बीच की।’ ऐसे में झिनझियांग और तिब्बत के बीच की सीमा से सटे हैं हॉट स्प्रिंग्स पीपी और गोगरा पोस्ट पीपी।

सेना के लिए अहमियत –
पीपी15 और पीपी17 ए दोनों ही ऐसे क्षेत्र में है, जहां भारत और चीन दोनों व्यापक रूप से एलएसी के अलाइनमेंट से सहमत हैं। यह क्षेत्र गलवान घाटी के दक्षिण-पूर्व से आता हुआ कोंगका दर्रे और फिर पैंगोंग झील के उत्तरी तट तक पहुंचने से पहले एन दर्रे की ओर मुड़ता है। कोंगका दर्रे के पूर्व में कुछ किलोमीटर की दूरी पर चीन की बड़ी चौकी है जबकि इसके दक्षिण-पश्चिम में भारत की चौकियां हैं।

कोशिशों पर पानी फेर रहा ‘ड्रैगन’-
चीन पीपी14 (गलवान घाटी), पीपी15 और पीपी17ए से तीसरे दौर की वार्ता के बाद सेना हटा लेने को तैयार हो गया था। उसने पीपी15 और पीपी17ए से पूरी तरह सेना नहीं हटाई थी। इन दोनों जगहों पर अभी भी सैन्य जमावड़ा है। समझौते के मुताबिक चीन ने पीपी14 और पैंगोंग झील इलाके से सेना हटा ली थी, पर चीन के ताजा रुख से देपसांग प्लेन, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट पर भी ऐसी कोशिशों को गहरा धक्का पहुंचा है।

ट्रेंडिंग वीडियो