इस विकट स्थिति में पूरे देश को एकजुट होने की आवश्यकता है। हमें अपने सभी मतभेदों को छोड़कर एक साथ काम करना होगा। समय का तकाजा है कि हम सब मिलकर समस्या के समाधान के लिए कदम बढ़ाएं। हम मजबूत हैं। विभाजित होकर हम संघर्ष जारी नहीं रख सकते।
महामारी ही नहीं, इसके कारण उपजा आर्थिक संकट भी लोगों की जिंदगियों को बर्बाद कर रहा है। यदि हम गांवों और गरीबी में रहने वाले लोगों को देखें, तो उनके लिए इस महामारी के आर्थिक प्रभाव भी बड़े हैं। इससे लोगों का जीवन तबाह हो रहा है। हमें सबसे कमजोर व्यक्ति की हालत पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना होगा। उसकी मदद करनी होगी। जैसे ही राष्ट्र इस संकट से बाहर निकले, हमें अपने समाज और अर्थव्यवस्था का पुनर्गठन करना होगा, ताकि हमारे देश में असमानता और अन्याय न हो। हमें एकजुट होना है और वह सब कुछ करना है, जो समय की मांग है।
(आरएसएस से संबद्ध कोविड रिस्पॉन्स टीम की ओर से आयोजित व्याख्यान माला ‘पॉजिटिविटी अनलिमिटेड’ के तहत दूरदर्शन पर प्रसारित वक्तव्य पर आधारित)