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सरोकार : सत्य व विज्ञान को बनाएं हथियार

समय का तकाजा है कि हम सब मिलकर महामारी से पैदा हुई समस्या के समाधान के लिए कदम बढ़ाएं। विभाजित होकर हम संघर्ष जारी नहीं रख सकते।

नई दिल्लीMay 14, 2021 / 10:52 am

विकास गुप्ता

अजीम प्रेमजी

अजीम प्रेमजी, (उद्योगपति और समाजसेवी)

हमें कोरोना संकट की गंभीरता, व्यापकता और प्रसार को स्वीकार करना होगा। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में कहर बरपा रखा है। किसी भी महामारी से निपटने का आधार सत्य व विज्ञान होना चाहिए। जो उपाय विज्ञान पर आधारित नहीं होते, उनका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में महामारी से लड़ाई के हमारे सभी मोर्चे विज्ञान सम्मत ही होने चाहिए। यह बात समझनी होगी कि विज्ञान में सत्य को स्वीकारने और उससे जूझने की ताकत होती है। इसी वजह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास आवश्यक है। विज्ञान और सत्य ही वह आधार है, जिसके जरिए हम इस संकट से निपट सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इस तरह का संकट फिर पैदा न हो।

इस विकट स्थिति में पूरे देश को एकजुट होने की आवश्यकता है। हमें अपने सभी मतभेदों को छोड़कर एक साथ काम करना होगा। समय का तकाजा है कि हम सब मिलकर समस्या के समाधान के लिए कदम बढ़ाएं। हम मजबूत हैं। विभाजित होकर हम संघर्ष जारी नहीं रख सकते।

महामारी ही नहीं, इसके कारण उपजा आर्थिक संकट भी लोगों की जिंदगियों को बर्बाद कर रहा है। यदि हम गांवों और गरीबी में रहने वाले लोगों को देखें, तो उनके लिए इस महामारी के आर्थिक प्रभाव भी बड़े हैं। इससे लोगों का जीवन तबाह हो रहा है। हमें सबसे कमजोर व्यक्ति की हालत पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना होगा। उसकी मदद करनी होगी। जैसे ही राष्ट्र इस संकट से बाहर निकले, हमें अपने समाज और अर्थव्यवस्था का पुनर्गठन करना होगा, ताकि हमारे देश में असमानता और अन्याय न हो। हमें एकजुट होना है और वह सब कुछ करना है, जो समय की मांग है।

(आरएसएस से संबद्ध कोविड रिस्पॉन्स टीम की ओर से आयोजित व्याख्यान माला ‘पॉजिटिविटी अनलिमिटेड’ के तहत दूरदर्शन पर प्रसारित वक्तव्य पर आधारित)

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