scriptआत्म-दर्शन : रोशनी है सब्र | Roshni Hai Patience | Patrika News

आत्म-दर्शन : रोशनी है सब्र

locationनई दिल्लीPublished: Apr 30, 2021 09:54:54 am

अक्सर लोग सब्र के मायने सहन करने के लेते हैं, जबकि यह इसका पूरा अर्थ नहीं है। साधारण भाषा में कहें तो मुसीबत के समय मजबूत रह कर समस्या से निजात पाने की कला सब्र है।

आत्म-दर्शन : रोशनी है सब्र

आत्म-दर्शन : रोशनी है सब्र

सब्र यानी धैर्य का इंसानी जिंदगी में बहुत महत्त्व है और इस्लाम में इसकी काफी अहमियत मानी गई है। इस्लाम की अहम इबादतों में से एक रोजा सब्र का महीना माना जाता है। इसमें रोजेदार खाने-पीने जैसी चीजों से परहेज कर सब्र का परिचय देता है। अक्सर लोग सब्र के मायने सहन करने के लेते हैं, जबकि यह इसका पूरा अर्थ नहीं है। साधारण भाषा में कहें तो मुसीबत के समय मजबूत रह कर समस्या से निजात पाने की कला सब्र है। सब्र परेशानी में समझदारी पूर्ण तरीके से कदम उठाने और उसके समाधान का नाम है।

पैगम्बर मुहम्मद साहब (ईश्वर की रहमतें हों उन पर) ने फरमाया है कि सब्र करने वालों को ईश्वर की मदद हासिल होती है। कुरआन कहता है, सब्र से काम लो जैसे कि पैगंबरों ने सब्र से काम लिया (46.35)। कुरआन कहता है, सब्र करने वालों को इसका बदला बेहिसाब दिया जाएगा। (39:10) कुरआन आगे कहता है- सब्र से काम लो, निश्चय ही ईश्वर सब्र करने वालों के साथ होता है। (8:46) जो शख्स सब्र करे और माफ कर दे, तो यह काम ईश्वर के बताए सफल कामों में है। (कुरआन-42:43) अल्लाह सब्र करने वालों को पसंद करता है। (कुरआन-3:146) मुहम्मद साहब ने कहा-सब्र रोशनी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो