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फिर गहराया सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद

locationबस्तरPublished: Feb 28, 2017 03:54:00 pm

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इस बीच पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेताया है कि एसवाईएल के मुद्दे पर नेताओं के भडकाऊ बयानों से पंजाब की शांति पर विपरीत असर पड़ सकता है।

पंजाब की नदी के पानी का हरियाणा के साथ बंटवारा और सतलुज-यमुना नदियों को प्रस्तावित नहर से जोडऩे का विवादास्पद मुद्दा राजनीतिक हलकों में फिर उठ खड़ा हुआ है। इस बार इस मुद्दे को हरियाणा में विपक्ष की मुख्य पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) ने उठाया है।
इस मुद्दे को इस समय उठाने का मतलब होगा, राज्य में मनोहर लाल खट्टर की भाजपा सरकार पर और मुसीबतें लाना। खट्टर अपनी अस्थिर स्थिति से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं, जो जाट आंदोलन के फिर भड़कने के बाद हो गई थी। आईएनएलडी के नेता अभय चौटाला और अन्य नेताओं का आरोप है कि हरियाणा सरकार ने नहर के निर्माण के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए। 
इसके बावजूद कि सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य के पक्ष में फैसला दिया था। उन्होंने 10 फरवरी को आए फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि पंजाब को अपने पड़ोसी राज्यों के साथ पानी के बंटवारे को लेकर हुए समझौते को एकतरफा समाप्त करने का अधिकार नहीं है। 
यह सवाल अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 2004 में लाए गए ‘पंजाब टर्मिनेशन ऑफ वाटर एग्रीमेंट एक्ट’ में राष्ट्रपति के संदर्भ का है। दूसरी ओर आईएनएलडी के इस कदम का पंजाब में राजनीतिक ताकतों ने विरोध किया है। 
शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा की राजनीतिक पार्टियों से अनुरोध किया है कि वे सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) के मुद्दे पर पंजाब के लोगों को भड़काने वाली गतिविधियों में नहीं पड़ें। शिरोमणि अकाली दल सचिव डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा हमेशा के लिए खत्म हो चुका है क्योंकि पंजाब विधानसभा ने प्रोजेक्ट के लिए अधिगृहीत भूमि वापस करने का प्रस्ताव पारित कर दिया था। 
प्रोजेक्ट के लिए अधिगृहीत भूमि उनके मूल मालिकों को लौटा दी गई है और अब यह राज्य के किसानों के पास है। यह मुद्दा ना केवल पंजाब के किसानों के लिए बल्कि सभी पंजाबियों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है, क्योंकि राज्य में जल-स्तर पहले से कम हो रहा है। 
इधर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि एसवाईएल नहर की खुदाई महज विपक्ष की कुछ पार्टियों की चाल है और उनका मकसद प्रचार के लिए तस्वीरें खिंचवाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि अकाली दल और आईएनएलडी फिक्स्ड मैच खेल रहे हैं। 
विज का तो यह भी कहना है कि आईएनएलडी एसवाईएल नहर से पानी लाने में सफल होता है, तो वे खुद जाकर उन्हें माला पहनाएंगे। विपक्ष की पार्टियों के कारण ही हरियाणा अब तक पानी से वंचित है । 
विज कहते हैं कि वर्तमान राज्य सरकार के कारण ही सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया है। लेकिन विपक्ष इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है। इस बीच पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेताया है कि एसवाईएल के मुद्दे पर नेताओं के भडकाऊ बयानों से पंजाब की शांति पर विपरीत असर पड़ सकता है। 
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