scriptसाइंस एंड टेक : ब्लू ऑरिजिन मिशन के अंतरिक्ष में कदम | Science Tech : Blue Origin Mission Steps Into Space | Patrika News

साइंस एंड टेक : ब्लू ऑरिजिन मिशन के अंतरिक्ष में कदम

locationनई दिल्लीPublished: Apr 16, 2021 11:43:58 am

ब्लू ऑरिजिन ने बुधवार को अपने सब-ऑर्बिटल स्पेस फ्लाइट न्यू शेपर्ड के जरिए ‘एस्ट्रोनॉट रिहर्सल’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

साइंस एंड टेक : ब्लू ऑरिजिन मिशन के अंतरिक्ष में कदम

साइंस एंड टेक : ब्लू ऑरिजिन मिशन के अंतरिक्ष में कदम

डैल्विन ब्राउन (इनोवेशंस रिपोर्टर)

द वॉशिंगटन पोस्ट
अंतरिक्ष पर्यटन हमेशा ही लोगों को आकर्षित करता रहा है। इंसान को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचाने के लिए अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की निजी स्पेस कम्पनी ब्लू ऑरिजिन के मिशन ने भी कदम बढ़ाए हैं। ब्लू ऑरिजिन ने बुधवार को अपने सब-ऑर्बिटल स्पेस फ्लाइट न्यू शेपर्ड के जरिए ‘एस्ट्रोनॉट रिहर्सल’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। बताते चलें कि न्यू शेपर्ड पूरी तरह ऑटोनॉमस सिस्टम है। ब्लू ऑरिजिन के कार्मिकों ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में जाने से पहले कैप्सूल में प्रवेश किया। इस वर्ष यह दूसरी बार था जब रॉकेट सफलतापूर्वक लांच हुआ। ब्लू ऑरिजिन ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी थी क्योंकि उसे उम्मीद है कि एक दिन आएगा जब मिशन किराया भुगतान कर अंतरिक्ष यात्रा करने वालों को साथ लेकर जाएगा। पश्चिमी टेक्सास में ब्लू ऑरिजिन की लांच साइट से शुरू हुआ यह मिशन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक कदम का गवाह बना।

ब्लू ऑरिजिन ने एक बयान में कहा है कि रिहर्सल के एक हिस्से के रूप में आज हमारा कदम ठीक उसी दिशा में उठा है जैसा कि भविष्य में यात्री लांच के दिन अनुभव करेंगे। कंपनी ने इस आयोजन को लाइव दिखाया। कैप्सूल के लैंडिंग के वक्त बादलों में धूल के गुबार दिखाई पड़ रहे थे। लांचिंग से स्टैण्ड-इन एस्ट्रोनॉट्स ने लांच टावर पर चढ़कर चालक दल के चैम्बर में कदम रखा। उन्होंने खुद को उपकरणों से सुसज्जित किया और कमांड सेंटर के साथ संचार माध्यमों की जांच की। उन्होंने 60 फुट लम्बे रॉकेट के क्रू क्वार्टर्स से निकलने के पहले दरवाजे को धीरे से बंद किया। न्यू शेपर्ड उड़ान भरता हुआ 60 मील से अधिक ‘कारमन लाइन’ (जिसे उस बिन्दु के रूप में पहचाना जाता है जहां से अंतरिक्ष शुरू होता है, यह लाइन पृथ्वी के वायुमंडल से बाह्य अंतरिक्ष को अलग करती है) तक गया। इसके बाद बूस्टर्स चालक दल के कैप्सूल से अलग हो गए और धीरे-धीरे पृथ्वी पर उध्र्वाधर लैंडिंग के लिए वापस चले गए। इंजन से अलग होने के बाद क्रू कैप्सूल ने कुछ मिनट माइक्रो ग्रैविटी में बिताए। यात्रा का कुल समय सिर्फ दस मिनट से ज्यादा का रहा। वर्ष 2015 के बाद से कंपनी की यह 15वीं टेस्ट फ्लाइट थी। इस अभ्यास को एनएस-15 नाम दिया गया है। कंपनी का कहना है कि उसका एयरक्राफ्ट बहुत जल्द ही यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाएगा।

न्यू शेपर्ड को इस तरह डिजाइन किया गया है कि उसमें छह यात्री जा सकते हैं। इसमें बड़ी खिड़कियां लगी हैं जिससे यात्री बाहर के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। व्हीकल का नामकरण 1961 में अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले अमरीकी एलेन शेपर्ड के नाम पर किया गया। स्पेसएक्स संभवत: इस वर्ष तक सबसे पहले सभी सिविलियन क्रू को अंतरिक्ष में ले जाने की योजना बना रहा है। दशकों के सरकारी एकाधिकार के बाद इंसान की अंतरिक्ष यात्रा जल्द ही निजी उद्यम बन सकती है। ब्रिटिश उद्यमी रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक भी इसी दिशा में प्रयासरत है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो