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जापानी अवधारणा इकिगाई से करें स्वयं का आकलन

locationजयपुरPublished: Nov 28, 2022 10:19:42 pm

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Patrika Desk

उद्देश्य पर चिंतन करने की प्रासंगिकता और महत्त्व को समझकर बनें सफल

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प्रो. हिमांशु राय
निदेशक, आइआइएम इंदौर
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प्रबंधन और लीडरशिप में महत्त्व रखने वाली अवधारणाओं में जापानी अवधारणा ‘इकिगाई’ तेजी से प्रसिद्ध हुई है। पिछले आलेख में मैंने चर्चा की थी कि किस प्रकार इस अवधारणा की मदद से हम इसके तीन आयामों द्ग सामाजिक, गैर-सामाजिक और व्यक्तिगत दृष्टि को समझ सकते हैं। मैंने यह भी उल्लेख किया था कि इकिगाई एक प्रबंधक और लीडर के लिए इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह उन्हें अपने उद्देश्य को समझने और अपने संगठन के उद्देश्यों से स्वयं के मूल्यों को संरेखित करने में सहायक हो सकती है। अहम सवाल यह है कि इसे किस तरह संभव बनाया जा सकता है।
एक लीडर के रूप में, यह आवश्यक है कि हमें अपने उद्देश्य के बारे में आत्मनिरीक्षण करना आता हो। आवश्यक है कि हम इन प्रश्नों को समझ सकें – नेतृत्व की स्थिति ग्रहण करने के लिए हमें क्या प्रेरित करता है? एक लीडर के रूप में हमारा मिशन क्या है? क्या यह हमारे अधीनस्थों के सशक्तीकरण, संगठन में तालमेल के निर्माण, एक ‘सुपरटीम’ बनाने और जुटाने का अवसर है जो रणनीतिक प्रतिभा लाभ प्रदान करने के लिए सामूहिक शक्ति का निर्माण करता है? या क्या यह मात्र हमें हमारे पद की प्राप्ति से संतुष्टि की भावना देने तक ही केंद्रित और सीमित है? मैं यहां स्पष्ट करना चाहूंगा कि ये प्रश्न तो मात्र प्रारंभिक प्रतीत होते हैं, और आपने शायद उनके बारे में कई बार सोचा भी होगा। लेकिन अभी मात्र तात्कालिक लक्ष्यों पर दृष्टि टिका कर आगे बढऩे के विपरीत दीर्घकालिक उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करने वाली मानसिकता विकसित करना लीडरों के लिए महत्त्वपूर्ण है। एक लीडर को लंबी अवधि के रणनीतिक प्रयासों के लिए इकिगाई के प्रतिमान और दूरदृष्टि को अपनाना चाहिए।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा सीईओ के गैर-स्वैच्छिक गमन (माइग्रेशन) के पीछे के कारणों का निरीक्षण किया गया था। इसमें 2 बार पांच साल की अवधि द्ग वर्ष 2011-2016 और वर्ष 2016-2021 द्ग के बीच ऐसे माइग्रेशन की संख्या की तुलना की गई। पाया गया कि वर्ष 2016-2021 में असहज संस्कृति, कर्मचारी समस्याओं जैसे गैर-वित्तीय कारणों के प्रति सीईओ या सीएक्सओ की बढ़ती संवेदनशीलता से इस संख्या में 5 गुना वृद्धि हुई थी जबकि इन कारणों को नजरअंदाज किया गया था। यह स्पष्ट करता है कि स्वयं के उद्देश्यों के प्रति सजग होना लीडरशिप के लिए अत्यधिक आवश्यक है।
नेतृत्व और प्रबंधन साहित्य न केवल किसी के व्यक्तिगत उद्देश्य की खोज पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि यह किसी व्यक्ति के प्राकृतिक हितों (वह क्या करना पसंद करता है?), प्रतिभा और कौशल (वह क्या करने में कुशल है?), जुनून या उद्देश्य के परिणाम (क्या वह जो काम करना पसंद करता है वह लाभकारी है?), और अंत में अधिक से अधिक के लिए जुनून या उद्देश्य का उचित मूल्य (क्या इस दुनिया में उसी जुनून या उद्देश्य की आवश्यकता है?) पर भी केन्द्रित है।
इस प्रकार, आधुनिक कार्यस्थल पर इकिगाई का निर्धारण लीडरों को उनके जुनून या व्यक्तिगत उद्देश्य और संगठनात्मक मिशन के बीच स्पष्ट विभाजन रेखा तय करते हुए सामान्य मूल्यों की खोज करने और सभी के लिए एक सहज सामान्य उद्देश्य बनाने पर काम करने में सक्षम कर सकता है।
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