जैसे हम बच्चे को अक्षर ज्ञान कराते हैं, अगर हम उसको अपने अंदर शांतिपूर्ण रहना भी छोटी उम्र से ही सिखाएं, तो ये संसार एक प्यारी जगह बन सकता है। ये एक बहुत बड़ा काम है और अब तक हमने इस काम के लिए भौतिक या मानवीय संरचना में सही निवेश नहीं किया है। आप अपने बारे में जितना ज्यादा जानेंगे, उतने ही ज्यादा आप प्रभावशाली हो सकेंगे। ये कोई अतिमानव होने की बात नहीं है, ये समझने का विषय है कि मनुष्य होना ही अपने आप में एक महान बात है।