किसी तरह के रवैए या किसी खास दार्शनिकता को बढ़ाने की कोशिश न करें। आप यहां बिना किसी खास रवैए के, बिना किसी खास दार्शनिकता के, सिर्फ जागरूक होकर क्यों नहीं रह सकते? केवल जागरूक होकर। हर परिस्थिति को एक अलग प्रकार से संभालने की जरूरत होती है। सकारात्मक होने की कोई जरूरत नहीं है और नकारात्मक होने की भी कोई जरूरत नहीं है। बस जागरूक रहें।