कुरआन आगे कहता है, ‘और जो लोग अपने रब की प्रसन्नता की चाह में धैर्य से काम लेते हैं और भलाई के द्वारा बुराई को दूर करते हैं, ऐसे लोगों को बेहतर बदला दिया जाएगा।(13: 22)। इस्लाम कहता है कि किसी शख्स ने किसी को तकलीफ पहुंचाई, और वह तकलीफ पहुंचाने वाले शख्स को माफ कर देता है, तो ईश्वर माफ करने वाले के ओहदे को बढ़ाता है।