scriptआत्म-दर्शन : आर्थिक असमानता | Self-Philosophy : Economic Inequality | Patrika News

आत्म-दर्शन : आर्थिक असमानता

locationनई दिल्लीPublished: Jun 18, 2021 02:14:29 pm

लोकतंत्र ही वह ठोस आधार है, जिस पर वैश्विक राजनीतिक ढांचे को निर्मित किया जा सकता है।

दलाई लामा, (बौद्धधर्म गुरु)

दलाई लामा, (बौद्धधर्म गुरु)

दलाई लामा, (बौद्धधर्म गुरु)

यद्यपि शासन की कोई भी प्रणाली सर्वथा आदर्श नहीं मानी जा सकती, फिर भी लोकतंत्र को मानव की मूलभूत प्रकृति के सबसे निकट माना जा सकता है। इसलिए जो लोग इसका आनंद उठाते हैं, उन्हें सभी लोगों के अधिकारों के संरक्षण के लिए संघर्ष करते रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त लोकतंत्र ही वह ठोस आधार है, जिस पर वैश्विक राजनीतिक ढांचे को निर्मित किया जा सकता है। हमें सभी लोगों और देशों के विशिष्ट गुणों और मूल्यों को बनाए रखने के प्रयासों का सम्मान करना चाहिए। विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के दायरे में करुणा का भाव लाने के लिए अत्यधिक प्रयासों की आवश्यकता पड़ेगी।

आर्थिक असमानता विशेषकर विकसित और विकासशील देशों के बीच दुख का सबसे बड़ा स्रोत है। संभव है कि प्रारंभ में उन्हें कुछ आर्थिक हानि उठानी पड़े, परन्तु बहुराष्ट्रीय कंपनियों को निर्धन देशों का शोषण बंद करना चाहिए। उपभोक्तावाद को बढ़ावा देने के लिए अनमोल संसाधनों का दोहन विनाशकारी है। इसे रोकना चाहिए।

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