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आत्म-दर्शन : शिक्षा और अंक

locationनई दिल्लीPublished: Sep 22, 2021 11:57:13 am

Submitted by:

Patrika Desk

नंबर के आधार पर बच्चे को आंकने से बच्चों पर बहुत दबाव बनता है। ध्यान रहे कि सिर्फ नंबर हमारी शिक्षा का मापदंड नहीं हैं, सीख हमारी शिक्षा का मापदंड है।

मुनि प्रमाण सागर

मुनि प्रमाण सागर

मुनि प्रमाण सागर

हर माता पिता को बच्चे की मार्कशीट पर नंबर तो चाहिए, लेकिन बच्चे ने क्या सीखा, उसके अंदर की क्षमता क्या है, इसके बारे में कोई रिपोर्ट नहीं चाहिए होती। केवल नंबर को ही नहीं देखना चाहिए, क्योंकि जो बच्चे केवल नंबर पाते हैं, वे परीक्षा की जिंदगी में भले सफल हो जाएं लेकिन जिंदगी की परीक्षा में भी सफल हो जाएंगे, इसकी गारंटी नहीं होती। ध्यान रहे कि सिर्फ नंबर हमारी शिक्षा का मापदंड नहीं हैं, सीख हमारी शिक्षा का मापदंड है।

शिक्षा का मतलब है सीखना। यह महत्त्वपूर्ण है कि हमने क्या सीखा, क्या जाना। ज्ञान हमारे भीतर की नैसर्गिक प्रतिभा है। इसे अंकों से जोड़ कर देखने की जो परंपरा चल रही है, अब वह बदलनी चाहिए। नंबर के आधार पर बच्चे को आंकने से बच्चों पर बहुत दबाव बनता है।

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