विज्ञान और अनुसंधान एक साथ, चिकित्सा को एक कला बनाते हैं। इसमें मस्तिष्क और हृदय, व्यावसायिकता और दया, क्षमता और सहानुभूति, ज्ञान और करुणा का संयोजन होता है। प्रलोभन से दूर होकर बीमार की देखभाल की जाए। ज्ञान और विज्ञान को साझा किया जाना चाहिए। मरीज का उपचार गरिमा के साथ किया जाना चाहिए, न कि उपेक्षा भाव से।