यदि हमने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया, तो विनाशकारी परिणाम होंगे। मैं विज्ञान और तकनीक के विरोध में नहीं हूं, पर यदि हम विज्ञान और तकनीक पर बहुत अधिक बल देंगे, तो हमारा मानवीय ज्ञान और समझ के उन अंगों से संपर्क टूटने का खतरा है, जो ईमानदारी और परोपकार के लिए प्रेरित करते हैं। विज्ञान और तकनीक में भौतिक सुख उपलब्ध कराने की क्षमता है, पर यह आध्यात्मिक तथा मानवीय मूल्यों का स्थान नहीं ले सकते।