अगर आपकी उम्मीद यह है कि दूसरा आपको समझे और आपकी हर इच्छा पूरी करे, जबकि आप उसकी सीमितताओं, संभावनाओं, जरूरतों और योग्यताओं को नहीं समझते, तो फिर संघर्ष ही होगा। हरेक में कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक पहलू होते हैं। अगर आप यह सब अच्छी तरह समझ लें, तो आप रिश्ते को वैसा बना लेंगे, जैसा आप चाहते हैं। अगर रिश्तों को वाकई सुंदर रहना है, तो ये बहुत महत्त्वपूर्ण है कि मनुष्य दूसरे की ओर देखने से पहले, खुद अपने अंदर मुड़ कर अपने आपको गहराई से देखे।
अगर आप अपने आप में ही आनंद का स्रोत बनते हैं और अपने रिश्ते में आप अपना आनंद साझा करने में यकीन रखते हैं, तो किसी के भी साथ आपके रिश्ते अद्भुत होंगे। क्या दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति हो सकता है – जिसे आपके साथ कोई समस्या हो, जब आप अपना आनंद उसके साथ बांटते हों? नहीं।