ऐसे में बस ढोंगी को सुधारें, उसे उसकी गलती का अहसास कराएं और ढिंढोरा ना पीटें, क्योंकि ढिंढोरा पीटने का एक भयानक दुष्परिणाम है कि दुनिया सभी लोगों को एक ही चश्मे से देखना शुरू कर देती है। सबको एक ही तराजू में तोलना शुरू कर देती है, जिसके परिणाम अच्छे नहीं होते। ऐसे में उस व्यक्ति का सुधार करें, उपगूहन की पृष्ठभूमि में स्थितिकरण करें, ताकि उसकी बदनामी का खमियाजा समाज व धर्म को नहीं भुगतना पड़े।