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आत्म-दर्शन : बरकत लाता है मेहमान

locationनई दिल्लीPublished: Feb 19, 2021 10:32:18 am

– पैगंबर मुहम्मद (अल्लाह की रहमतें हों उन पर) ने कहा, ‘जो लोग ईश्वर और न्याय के दिन पर भरोसा रखते हैं, उन्हें चाहिए कि वे अपने मेहमानों की आवभगत करें। मेहमान घर के लिए बरकत होता है, आफत नहीं।’

आत्म-दर्शन : बरकत लाता है मेहमान

आत्म-दर्शन : बरकत लाता है मेहमान

इस्लाम ने मेहमान की मेहमान नवाजी करने और इसे सम्मान देने की हिदायत दी है। पैगंबर मुहम्मद (अल्लाह की रहमतें हों उन पर) ने कहा, ‘जो लोग ईश्वर और न्याय के दिन पर भरोसा रखते हैं, उन्हें चाहिए कि वे अपने मेहमानों की आवभगत करें। मेहमान घर के लिए बरकत होता है, आफत नहीं।

मुहम्मद साहब की इस बात से ये साबित हो जाता है। मुहम्मद साहब ने फरमाया कि मेहमान अपना रिज्क साथ लेकर आता है और मेजबान के गुनाह दूर कर जाता है। मुहम्मद साहब ने मेहमानों की आवभगत न करने वालों के लिए कहा है, ‘वे भले इंसान नहीं हंै, जो अपने मेहमानों की आवभगत नहीं करते हैं।

अभाव में जीने वाले एक शख्स द्वारा मेहमान नवाजी करने पर कुरआन में ये आयत अवतरित हुई-‘वे अपने सीनों में कोई खटक नहीं पाते और वे उन्हें अपने मुकाबले में प्राथमिकता देते हैं, यद्यपि अपनी जगह वे स्वयं मुहताज ही हों। और जो अपने मन को लोभ और कृपणता से बचा लें, ऐसे लोग ही सफल हैं। (59:9) पैगंबर मुहम्मद साहब से पूछा गया कि मेहमान का मेजबान पर किस तरह का अधिकार है, तो मुहम्मद साहब ने फरमाया, ‘पहला दिन इनाम का दिन है, जिसमें मेहमान की अच्छी खातिरदारी की जानी चाहिए। और मेहमान नवाजी तीन दिन तक है।

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