एक ओर आपका चित्त किंचित शांत है, पर दूसरी ओर यदि उसका प्रभाव सुस्ती हो तो वह अच्छा नहीं है। मैं चाहता हूं कि बुद्धि पूरी तरह कार्यात्मक, ध्यानयुक्त और सतर्क हो, व्याकुल नहीं। बिना किसी व्याकुलता के मानसिक शांति सर्वश्रेष्ठ है। इसके लिए करुणाशील मानवीय स्नेह वास्तव में महत्त्वपूर्ण है। हमारा चित्त जितना अधिक करुणाशील होगा, हमारे मस्तिष्क का कार्य उतना ही बेहतर होगा।