आप किसी भी तरह आनंद का अनुभव करें, यही सबसे बड़ी बात है। अब सवाल है इसे कायम रखने का। इसे बरकरार रखने के काबिल कैसे बनें? अधिकतर लोग सुख को ही आनंद समझ लेते हैं। आप सुख को कभी स्थाई नहीं बना सकते हैं। यह आपके लिए हमेशा कम पड़ता है, लेकिन आनंद का मतलब है कि यह किसी भी चीज पर निर्भर नहीं है, यह तो आपकी अपनी प्रकृति है। सुख हमेशा किसी चीज या इंसान पर निर्भर करता है। आनंद को असल में किसी बाहरी प्रेरणा या किसी उकसावे की जरूरत नहीं होती।