आपको याद होगा कि कबीर, मीरा, तुलसी वाल्मीकि, आचार्य कुंद-कुंद, शांति सागर महाराज आदि महान व्यक्तित्वों और चरित्रों के पास कोई डिग्री नहीं थी, लेकिन अपने उच्च चारित्रिक जीवन और महान गुणों के कारण इन पर पीएचडी हो रही है और देश-दुनिया के शोध विद्यार्थी इनके जीवन से सीख लेकर डिग्रियां हासिल कर रहे हैं।
सद्चरित्र, सद्व्यवहार, मधुरता और सरलता से महान बना जा सकता है। जीवन को लायक बनाओ। ऊंचाई प्राप्त करने में पूरी जिंदगी खपा देने पड़ती है, लेकिन पराभव के लिए एक क्षण काफी होता है। शिखर पर चढऩे के लिए न जाने कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन शिखर से नीचे गिरने के लिए चंद मिनट ही पर्याप्त हैं। घड़े में एक ही छेद होने पर भी उसमें रखा पानी बह जाता है। इसी तरह जीवन है। जीवन में एक भी अवगुण मत आने देना। कई सारी अच्छाइयों पर केवल एक बुराई भारी पड़ जाती है।