Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: ब्रह्माण्ड के नियम समान हैं। ऋत भाव में भी ऋत अग्नि दक्षिण से उत्तर को तथा ऋत सोम उत्तर से दक्षिण को बहता है। यहां ऋत सोम की आहुति से ऋतुओं का निर्माण होता है। कुल छ: ऋतुएं बनती हैं। इसी को सवंत्सर कहते हैं। निर्माण का श्रेय सोम को जाता है। जो हर बार अग्नि में आहूत होता है।… ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- कामना ही जननी है
जयपुर•May 12, 2023 / 10:03 pm•
Patrika Desk
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast