Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: श्रुति कहती है कि जीव जौंक की तरह दूसरा शरीर पकड़ता है। जब उसके एक सिरे की पकड़ किसी वस्तु पर हो जाती है, तब वह दूसरे सिरे की वस्तु को मुक्त करता है। शरीर त्याग से पूर्व उसका एक सिरा किसी अन्य योनि के शरीर को पकड़ लेता है, तब वह इस शरीर को छोड़ता है। … ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- प्रेतात्मा का चिन्तन
•Apr 12, 2024 / 10:30 pm•
Gyan Chand Patni
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: प्रेतात्मा का चिन्तन
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