scriptशरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: कर्म के पांच कारण | Sharir Hi Brahmand Podcast 20 May 2023 Gulab Kothari Article | Patrika News

शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: कर्म के पांच कारण

locationजयपुरPublished: May 19, 2023 09:42:05 pm

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Patrika Desk

Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: जब बहुत प्रयत्न करने पर भी कार्य सिद्ध नहीं होता, तो व्यक्ति निराश हो जाता है। शास्त्र कहते हैं कि इसका कारण देवता की प्रतिकूलता या पूर्व संचित संस्कारों का प्रभाव ही मानना चाहिए। फल की इच्छा छोडक़र पुन: कर्म में जुट जाना चाहिए। कर्म की अभिव्यक्ति मन-वचन-काया से ही होती है। आपके कर्म में किसी अन्य का भी हाथ हो सकता है।… ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- कर्म के पांच कारण

शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast

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Gulab Kothari Article शरीर ही ब्रह्माण्ड: “शरीर स्वयं में ब्रह्माण्ड है। वही ढांचा, वही सब नियम कायदे। जिस प्रकार पंच महाभूतों से, अधिदैव और अध्यात्म से ब्रह्माण्ड बनता है, वही स्वरूप हमारे शरीर का है। भीतर के बड़े आकाश में भिन्न-भिन्न पिण्ड तो हैं ही, अनन्तानन्त कोशिकाएं भी हैं। इन्हीं सूक्ष्म आत्माओं से निर्मित हमारा शरीर है जो बाहर से ठोस दिखाई पड़ता है। भीतर कोशिकाओं का मधुमक्खियों के छत्ते की तरह निर्मित संघटक स्वरूप है। ये कोशिकाएं सभी स्वतंत्र आत्माएं होती हैं।”
पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की बहुचर्चित आलेखमाला है – शरीर ही ब्रह्माण्ड। इसमें विभिन्न बिंदुओं/विषयों की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से व्याख्या प्रस्तुत की जाती है। गुलाब कोठारी को वैदिक अध्ययन में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें 2002 में नीदरलैन्ड के इन्टर्कल्चर विश्वविद्यालय ने फिलोसोफी में डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया था। उन्हें 2011 में उनकी पुस्तक मैं ही राधा, मैं ही कृष्ण के लिए मूर्ति देवी पुरस्कार और वर्ष 2009 में राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान से सम्मानित किया गया था। ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में प्रकाशित विशेष लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें नीचे दिए लिंक्स पर –
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