Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: पुरुषार्थ का लक्ष्य लोक संग्रह ही होना चाहिए, यदि आप लोक कल्याण के लिए पैदा हुए हो। सांसारिक भी रहें, और वैराग्य भाव भी बना रहे। नश्वर जीवन के मध्य दृष्टि शाश्वत पर ही बनी रहे। शरीर नश्वर है, आत्मा शाश्वत है। जीना तो मनुष्यों की तरह ही है, किन्तु आसक्ति मुक्त रहकर।… ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- आसक्ति मुक्त होना ही लीनता
जयपुर•May 26, 2023 / 09:34 pm•
Patrika Desk
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast