भारत की जनसंख्या विश्व में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है, लेकिन यहां संसाधन काफी सीमित हंै। इन संसाधनों को लंबे समय तक चलाने के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण अति आवश्यक है। विभिन्न धर्मों से संबंधित होने के कारण भारत में अलग-अलग विचारधाराओं से प्रेरित होकर लोग जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रयास नहीं करते। अगर अब भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून नहीं बनाया गया, तो समस्या काफी विकट हो जाएगी।
– पंकज कुमावत, जयपुर
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बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है, ताकि भारतीय जनमानस के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके। ऐसे में सरकार को जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित कानून बनाने में अब देरी नहीं करनी चाहिए।
-कमलेश कलासुआ, डूंगरपुर
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जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाना जरूरी है। बिना कानून के जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास सफल नहीं हो सकते। कानून बनाकर उसका सख्ती से पालन करवाना भी आवश्यक है। देश हित में सभी राजनीतिक पार्टियों को इस मुद्दे पर एक होने की आवश्यकता है। अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर देश हित में एक होने की आवश्यकता हे।
-राजकुमार पाटीदार, शाजापुर
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सभी को लाया जाए कानून के दायरे में
देश में बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधनों के कारण कई तरह रही समस्याएं बढ़ रही हैं। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना चाहिए और सभी समुदायों को इसके दायरे में लाया जाना चाहिए।
-मोहन जांगिड, कांकरोली, राजसमंद
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भारत एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र है। जनसंख्या नियंत्रण के मामले में कानूनी सख्ती से लोगों के मन में विरोध की भावना उत्पन्न होगी, इसलिए बेहतर तो यह है कि लोगों को जागरूक किया जाए और उन्हें जनसंख्या वृद्धि के नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताया जाए।
– सुभाष धायल, बीकानेर
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भारत की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है। अत्यधिक जनसंख्या से बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी फैलती है, जो समाज के विकास में बाधा बन जाती है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कानून होना चाहिए। साथ ही समाज को भी जागरूक होना चाहिए।
-पूरण सिंह राजावत, जयपुर
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जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाना ही समस्या का हल नहीं है। आज का शिक्षित वर्ग एक या दो बच्चों तक सीमित हो चुका है। इसलिए कम शिक्षित ओर निम्न तबके में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
-हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
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हम शिक्षा के माध्यम से लोगों को जागरूक करके बढ़ती हुई जनसंख्या के दुष्प्रभाव बता सकते हैं। इस संबंध में कानून बनाने से समस्याएं बढ़ेंगी।
-निशा पारीक, नापासर