राजनीति से दूरी जरूरी
धर्मगुरु अगर नेकदिल से काम करे तो मुल्क में लगी साम्प्रदायिक आग को कम किया जा सकता है। धर्मगुरुओं का काम धर्म का संरक्षण करना होना चाहिए, न कि धर्म को जरिया बनाकर राजनीति करना।
-वेलचन्द राईका, लुन्दाडा,पाली।
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धर्मगुरु अगर नेकदिल से काम करे तो मुल्क में लगी साम्प्रदायिक आग को कम किया जा सकता है। धर्मगुरुओं का काम धर्म का संरक्षण करना होना चाहिए, न कि धर्म को जरिया बनाकर राजनीति करना।
-वेलचन्द राईका, लुन्दाडा,पाली।
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आसानी से चुनाव जीत जाते हैं धर्मगुरु
धर्मगुरु अपने अनुयायियों के कारण आसानी से जीत जाते हैं। वे केवल विशेष धर्म की राजनीति करते हैं। पहले लोग धर्मगुरु का मार्ग धर्म के संवर्धन के लिए ही चुनते थे, पर आजकल सिर्फ राजनीति के लिए चुनते हैं।
-उगा राम प्रजापत, जोधपुर
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धर्मगुरु अपने अनुयायियों के कारण आसानी से जीत जाते हैं। वे केवल विशेष धर्म की राजनीति करते हैं। पहले लोग धर्मगुरु का मार्ग धर्म के संवर्धन के लिए ही चुनते थे, पर आजकल सिर्फ राजनीति के लिए चुनते हैं।
-उगा राम प्रजापत, जोधपुर
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बेहतर हैं धर्मगुरु
धर्मगुरु निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करने में सक्षम होते हैं। दूसरे लोग अपने स्वार्थ संबंधी कार्यों को सिद्ध करने में लगे होते हैं। धर्मगुरु ही हैं जो देश के विकास में पूरी तरह से अपना योगदान दे सकते हैं।
-वंदना दिक्षित, बूंदी
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धर्मगुरु निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करने में सक्षम होते हैं। दूसरे लोग अपने स्वार्थ संबंधी कार्यों को सिद्ध करने में लगे होते हैं। धर्मगुरु ही हैं जो देश के विकास में पूरी तरह से अपना योगदान दे सकते हैं।
-वंदना दिक्षित, बूंदी
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धर्म गुरु राजनीति से दूर रहें
धर्मगुरुओं को राजनीति से दूर ही रहना चाहिए। इससे राजनीति मे विवाद नहीं होंगे। इसका कारण यह है कि धर्मगुरु धर्म विशेष से प्रेरित होकर प्रचार-प्रसार करते हैं और वोट बैंक बटोरते हैं।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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धर्मगुरुओं को राजनीति से दूर ही रहना चाहिए। इससे राजनीति मे विवाद नहीं होंगे। इसका कारण यह है कि धर्मगुरु धर्म विशेष से प्रेरित होकर प्रचार-प्रसार करते हैं और वोट बैंक बटोरते हैं।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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नेताओं का मार्गदर्शन करें
धर्मगुरुओं को दलगत राजनीति से दूर रहकर राजनीतिज्ञों को सकारात्मक मार्गदर्शन देना चाहिए। धर्मगुरुओं से जीवन से जुड़े किसी भी विषय से अलग रहने की अपेक्षा नहीं की जा सकती।
-शेखर वत्स, गुना, मप्र
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धर्मगुरुओं को दलगत राजनीति से दूर रहकर राजनीतिज्ञों को सकारात्मक मार्गदर्शन देना चाहिए। धर्मगुरुओं से जीवन से जुड़े किसी भी विषय से अलग रहने की अपेक्षा नहीं की जा सकती।
-शेखर वत्स, गुना, मप्र
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धर्म का राजनीतिकरण न हो
धर्मगुरु अपने-अपने धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं और राजनीतिज्ञ भी अपनी-अपनी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। राजनीति किसी धर्म के हिसाब से नहीं होती और न ही होनी चाहिए। उसी तरह धर्म को भी राजनीति में नहीं ले जाना चाहिए। धर्मगुरुओं का काम लोगों को धर्म की महत्ता बताना और उसका ज्ञान देना होता है। धर्मगुरुओं को राजनीति से दूर रहना चाहिए, ताकि धर्म का राजनीतिकरण न हो ।
-सारिका सिंह, रायपुर, छत्तीसगढ़
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धर्मगुरु अपने-अपने धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं और राजनीतिज्ञ भी अपनी-अपनी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। राजनीति किसी धर्म के हिसाब से नहीं होती और न ही होनी चाहिए। उसी तरह धर्म को भी राजनीति में नहीं ले जाना चाहिए। धर्मगुरुओं का काम लोगों को धर्म की महत्ता बताना और उसका ज्ञान देना होता है। धर्मगुरुओं को राजनीति से दूर रहना चाहिए, ताकि धर्म का राजनीतिकरण न हो ।
-सारिका सिंह, रायपुर, छत्तीसगढ़
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सबके हित की बात करें
भारत का संविधान सभी नागरिकों को चुनाव लडऩे की अनुमति प्रदान करता है। इसीलिए धार्मिक गुरु भी चुनाव लड़ सकते। यदि धार्मिक गुरु राजनीति में आते हैं, तो उनको सबके हित की बात करनी चाहिए।
-शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर
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भारत का संविधान सभी नागरिकों को चुनाव लडऩे की अनुमति प्रदान करता है। इसीलिए धार्मिक गुरु भी चुनाव लड़ सकते। यदि धार्मिक गुरु राजनीति में आते हैं, तो उनको सबके हित की बात करनी चाहिए।
-शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर
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वोट के लिए धर्मगुरुओं का इस्तेमाल
राजनीति से धर्मगुरुओं की दूरी ही अच्छी है। उन्हे धर्म का प्रचार करना चाहिए, राजनीति के दलदल से दूर रहना चाहिए। धार्मिक गुरुओं को धार्मिक कार्यक्रमों तक ही सीमित रहना चाहिए। संतों-महंतों की सियासी महत्वाकांक्षा ठीक नहीं है। राजनीतिक दल वोट बटोरने के लिए धर्मगुरुओं का इस्तेमाल करते हैं।
-खुशवंत कुमार हिंडोनिया, चित्तौडग़ढ़
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राजनीति से धर्मगुरुओं की दूरी ही अच्छी है। उन्हे धर्म का प्रचार करना चाहिए, राजनीति के दलदल से दूर रहना चाहिए। धार्मिक गुरुओं को धार्मिक कार्यक्रमों तक ही सीमित रहना चाहिए। संतों-महंतों की सियासी महत्वाकांक्षा ठीक नहीं है। राजनीतिक दल वोट बटोरने के लिए धर्मगुरुओं का इस्तेमाल करते हैं।
-खुशवंत कुमार हिंडोनिया, चित्तौडग़ढ़
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प्रभावित होती है देश की छवि
धर्मगुरुओं को राजनीति से दूर रखना चाहिए। भारत सर्वधर्म समभाव की भावना में विश्वास करने वाला राष्ट्र है, लेकिन धर्म गुरुओं के राजनीति में शामिल हो जाने से धार्मिक मामलों में वैचारिक मतभेद उत्पन्न होते हैं। इस कारण लोग वास्तविक मुद्दों को भूलकर धर्म के नाम पर एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। इससे देश का विकास प्रभावित होता है और छवि भी बिगड़ती है।
-पंकज कुमावत, जयपुर
धर्मगुरुओं को राजनीति से दूर रखना चाहिए। भारत सर्वधर्म समभाव की भावना में विश्वास करने वाला राष्ट्र है, लेकिन धर्म गुरुओं के राजनीति में शामिल हो जाने से धार्मिक मामलों में वैचारिक मतभेद उत्पन्न होते हैं। इस कारण लोग वास्तविक मुद्दों को भूलकर धर्म के नाम पर एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। इससे देश का विकास प्रभावित होता है और छवि भी बिगड़ती है।
-पंकज कुमावत, जयपुर