राज्य की डायरी : तृणमूल कांग्रेस में खेमेबंदी के संकेत
रामपुरहाट हिंसा से लेकर एसएससी घोटाले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष के हालिया दो बयानों से लग रहा है कि पार्टी में सब कुछ सही नहीं चल रहा है।
Published: April 11, 2022 06:48:28 pm
- रवीन्द्र राय बीरभूम के रामपुरहाट में जघन्य हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति कुछ दिनों से गरमाई हुई है। ममता बनर्जी सरकार बचाव की मुद्रा में नजर आ रही है, तो विपक्ष हमलावर है। कलकत्ता हाईकोर्ट भी सख्त है। रामपुरहाट हिंसा से लेकर एसएससी घोटाले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष के हालिया दो बयानों से लग रहा है कि पार्टी में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। घोष के बयान पार्टी के बुजुर्ग और युवा नेताओं में खेमेबंदी की ओर साफ इशारा कर रहे हैं। दरअसल, कुणाल घोष ने ग्रुप डी के पदों और 9 वीं-10 वीं कक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति में घोटाले का ठीकरा अपनी ही पार्टी की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी के सिर पर फोड़ दिया। इस बयान के बाद भाजपा को सत्तारूढ़ पार्टी पर चुटकी लेने का मौका मिल गया। इससे पहले कुणाल ने मवेशी तस्करी मामले में पांचवीं बार तलब किए जाने के बाद सीबीआइ के समक्ष पेश नहीं होने को लेकर वरिष्ठ पार्टी नेता अनुब्रत मंडल पर तंज कसा था। पार्टी में मचे सियासी घमासान के बीच राज्य के परिवहन मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने पार्थ चटर्जी का बचाव किया है। उनका कहना है कि मामले की विभागीय जांच चल रही है। किसी भी गड़बड़ी के लिए पूरा मंत्रिमंडल जिम्मेदार होता है। इसके बाद भले ही कुणाल के सुर नरम पड़ गए हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में पार्टी युवा तथा बुजुर्ग नेताओं के बीच कैसे तालमेल बिठाती है।

राज्य की डायरी : तृणमूल कांग्रेस में खेमेबंदी के संकेत
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