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माफी हल नहीं, स्मिथ को सजा मिलनी चाहिए

Published: Mar 09, 2017 03:58:00 pm

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दरअसल विराट कोहली ने इससे पहले भी ऐसी ही दो घटनाओं का हवाला दिया है। सबसे पहले तो सवाल यही उठता है कि मैच रेफरी को मीडिया से बात करने की इजाजत किसने दी?

खराब पिच के लिए यदि किसी मैच स्थल पर मैच आयोजन के लिए कई साल तक पाबंदी लगाई जा सकती है तो खेल भावना के विपरीत खेलने के लिए भी तो कार्रवाई की जा सकती है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने खेल भावना को आघात पहुंचाते हुए नियमों का उल्लंघन किया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा। 
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को इस मामले में भी कड़े कदम उठाने चाहिए। आश्चर्यजनक बात तो रह रही कि मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने एक अखबार से कहा है कि अम्पायरों का ध्यान केवल तभी गया, जब स्मिथ ड्रेसिंग रूम की तरफ देख रहे थे। 
दरअसल विराट कोहली ने इससे पहले भी ऐसी ही दो घटनाओं का हवाला दिया है। सबसे पहले तो सवाल यही उठता है कि मैच रेफरी को मीडिया से बात करने की इजाजत किसने दी? नियमों में साफ तौर पर कहा गया है कि मैच रेफरी मीडिया से बात नहीं कर सकते। 
खैर, अब बीसीसीआई की ओर से इस पूरे मामले की लिखित शिकायत की जा चुकी है और उन्हें 48 घंटे के अंदर इस मामले की जांच करके फैसला सुनाना है। बेशक अम्पायर को ऐसे पिछले दो मामलों की जानकारी न हो लेकिन टीवी रीप्ले देखकर वे इसका पता ज़रूर लगा सकते हैं। 
इसमें कोई शक़ नहीं कि स्टीव स्मिथ ने डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) प्रोटोकोल तोड़ा है। ऐसी बड़ी घटना के लिए माफी मांगना हल नहीं है। नियमानुसार वे केवल दूसरे छोर पर खड़े पीटर हैंड्सकाम्ब से सलाह ले सकते थे। यदि रीप्ले में वह इससे पहले भी डीआरएस लेने के समय ड्रेसिंग रूम की ओर देखते हुए पाए जाते हैं तो यह एक ही मैच में पहला अपराध नहीं होगा। 
इस पर ऐसी सजा तो मिलनी ही चाहिए कि भविष्य में कोई नियमों का उल्लंघन न कर सके। इसके लिए कम से कम एक मैच के निलम्बन की सजा तो होनी ही चाहिए। उनकी मैच फीस की राशि भी काटी जा सकती है। एक संदेश देने के लिए ऐसी सजा जरूरी है जिससे कोई भी नियमों का उल्लंघन न कर सके और ऐसी घटनाओं पर तुरंत लगाम लग जाए। 
साथ ही अगर मैच रेफरी ने पत्रकारों से बात करने की गलती की है तो उन्हें भी इस मामले के लिए चेतावनी ज़रूरी है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कभी मंकी गेट तो कभी वैसलीन प्रकरण से भारतीय खिलाडिय़ों पर आरोप लगाने में विदेशी खिलाड़ी पीछे नहीं रहते। 
हमें भी कंगारू टीम को एक्सपोज करना चाहिए क्योंकि उन्होंने एक जेंटलमैन खेल पर बदनुमा दाग लगाया है। बाकी इस बारे में जांच रिपोर्ट और आईसीसी के फैसले का इंतजार करना होगा। 

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