सोशल मीडिया का एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सारे संसार को जोड़े रखता है। यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। यह सूचनाओं का त्वरित गति से आदान—प्रदान करता है, जिसमें हर क्षेत्र की खबरें शामिल होती है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके व्यक्ति, संस्था, समूह और देश अपने आपको मजबूत बना सकते हैं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन भ्रष्टाचार के खिलाफ महा अभियान था, जिसे सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लड़ा गया। आम चुनाव 2014 के दौरान राजनीतिक पार्टियों खासतौर पर भाजपा ने सोशल मीडिया का खूब उपयोग किया। सोशल मीडिया के माध्यम से ही “निर्भया” को न्याय दिलाने के लिए लाखों की संख्या में युवा सड़कों पर आ गए, जिससे सरकार ने दबाव में आकर प्रभावकारी कानून बनाया।
—विरधीचंद बडेरा, वरिष्ठ अध्यापक, बाड़मेर
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युवा वर्ग के लिए बहुत उपयोगी
सोशल मीडिया की पहुंच घर—घर हो गई है। ऐसे में इसका उपयोग के साथ दुरूपयोग भी हो रहा है। जिस तरह हर बुराई समाज के लिए खतरा है, सोशल मीडिया का दुरूपयोग भी खतरा है। साथ ही इसका सही उपयोग समाज, देश ही नहीं विश्व की अधिकतम आबादी को जागरूक करने में महती भूमिका निभा रहा है। युवा पीढ़ी के लिए कैरियर बनाने में भी इसकी उपयोगिता सिद्ध हो रही है। अब यह सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों पर निर्भर है कि इसके माध्यम से वे क्या कर रहे हैं।
—विनोद कटारिया, रतलाम
जांच लें पोस्ट की सत्यता
सोशल मीडिया से समाज को जितना फायदा है , तो नुकसान उससे भी ज्यादा है। इससे साइयब अपराध बहुत बढ़ गए हैं। लोगो को भ्रामक पोस्ट फोलो करने से बचना चाहिए। पोस्ट की सत्यता जाने बिना फॉरवर्ड नही करना चाहिए।
गोपाल अरोड़ा, जोधपुर
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हर वर्ग शिकार
सोशल मीडिया का सदुपयोग सूचना, ज्ञान-विज्ञान और रचनात्मक उपयोग के लिए करना हम सब के लिए ठीक है, पर ऐसा हो नहीं रहा। इस दिखावटी दुनिया ने आज युवा पीढ़ी के साथ बड़े बुजुर्गो को भी इसका शिकार बना लिया है।
—काव्य कलाल, सागवाड़ा, डूंगरपुर
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आंतरिक सुरक्षा को खतरा
गलत विचारों को साझा करने से देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे में पड़ रही है; ऐसे में इसके खिलाफ कडे़ कानून की सख्त जरूरत है। देश जैसे-जैसे आधुनिकरण के रास्ते पर बढ़ रहा है, चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं।
-कुलदीप सिंह परमार, डूंगरपुर
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गंभीर खतरा
सोशल मीडिया का इस्तेमाल सकारत्मक सोच के साथ सीमित समय के लिए किया जाय तो कुछ भी बुरा नहीं है, मगर ज्यादातर लोग समय का ध्यान न रखते हुए दिन भर इसी में व्यस्त रहते हैं। इस दौरान वे सामाजिक मर्यादाओं, अपनी संस्कृति व सभ्यता को भूल जाते हैं। यह सब देखकर कई बार ऐसा भी लगता है कि सोशल मीडिया समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है।
—गुमान एच.राजपुरोहित, झाबरा
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कानून की जरूरत
सोशल मीडिया का तेजी से उपयोग बढ़ रहा है। यह किसी भी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं उसके समाज के जीवन को भी अस्त-व्यस्त कर सकता है। बेंगलुरु में भड़का दंगा इसका साक्षात उदाहरण है। इसलिए सोशल मीडिया का सही उपयोग करने के लिए नियम—कानून बनाने चाहिए।
—निर्मल गोस्वामी, शाजापुर, मध्यप्रदेश
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हर सिक्के के दो पहलू
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। यही स्थिति सोशल मीडिया के साथ भी है। सोशल मीडिया का उपयोग स्वयं को अभिव्यक्त करने, अपनी कला का प्रदर्शन करने या समाज हित में अपने विचार प्रकट करने जैसे सकारात्मक कार्यों के लिए किया जा सकता है। मुश्किल यह है कि वर्तमान में इसका उपयोग जातिवाद, सांप्रदायिकता, आतंकवाद जैसे समाजघाती कार्यों में प्रमुखता से किया जा रहा है ।
– हेमन्त कुमार सैनी ,बृजनगर भरतपुर
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नकारात्मक भूमिका
सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सारे संसार को जोड़े रखता है। यह सकारात्मक भूमिका के साथ-साथ नकारात्मक भूमिका भी अदा करता है। भ्रामक और नकारात्मक जानकारियों के साझा करने से जनमानस पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जो कि भविष्य में हिंसा और दंगे भड़कने का कारण बनता है। साथ ही यह समाज को बांटने का कार्य करता है।
मोहित कुमावत, सुरधना चौहना, बीकानेर
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सोशल मिडिया के माध्यम से हमें बहुत सारी जानकारियां मिल जाती हैं। जैसे- अभी ही देख लीजिये कोरोना के दौर में स्कूल—कॉलेज बंद हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रुप बनाकर ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। इस दौर में ऑनलाइन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं और सभी को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया समाज के लिए परेशानी भी बन रहा है। किसी भी चीज का गलत उपयोग परेशानी ही बढ़ाता है।
—प्रवीण कुमार, बस्तर, छत्तीसगढ़
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समाजकंटकों का हथियार
समाजकंटकों के लिए तो सोशल मीडिया वरदान बन गया है। चाहे अफवाहें फैलानी हो या किसी समुदाय के खिलाफ नफरत, समाजकंटकों को सोशल मीडिया से अच्छा हथियार शायद ही मिले।
– मेघा गोयल, अलवर।
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आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती
सांप्रदायिक हिंसा, दंगों, अफवाह फैलाने के मामले में सोशल मीडिया का दुरुपयोग सामने आया है। इससे चेतने और सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ समय पहले बेंगलुरु में उत्तर पूर्वी राज्यों के युवाओं के साथ जो व्यवहार सामने आया, उसमें इस माध्यम का जमकर दुरुपयोग हुआ। वहीं, आतंकवाद फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया, जोकि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है।
—सुख लाल चौधरी, अजमेर
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हितकारी है सोशल मीडिया
सोशल मीडिया ज्ञान—विज्ञान, नवीन सूचनाओं, विचारों और कला, सुरुचियों के प्रसार का सशक्त माध्यम है। समाज को जोड़ने वाला साधन है। बस यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि हम समाज में घृणा और विघटन से जुुड़े विचारोत्तेजक पोस्ट प्रयोग न करें। सोशल मीडिया पर किसी गलत पोस्ट के प्रसार पर पुलिस और न्याय व्यवस्था को स्वत: संज्ञान लेकर दोषी को सजा दिलानी चाहिए।
– प्रेम नारायण सारस्वत, शास्त्री नगर, भीलवाड़ा
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अशांति और अस्थिरता का पर्याय
सोशल मीडिया का प्रयोग जहां लोगों को एक—दूसरे के करीब लाने, पारस्परिक प्रेम और सौहार्द पनपाने के साथ—साथ नवीन जानकारियों को जनसुलभ करवाने के लिए किया गया। ठीक इसके विपरीत समाजकंटकों ने सामाजिक अशांति और फेक न्यूज फैलाने के लिए इस माध्यम का इस्तेमाल किया। कुछ लोगों की वजह से देश में और समाज में सोशल मीडिया अशांति और अस्थिरता का पर्याय बन गया है। यदि इस पर न्यायोचित और युक्तियुक्त नियंत्रण नहीं किया गया, तो सोशल मीडिया समाज और मानव सभ्यता के लिए खतरा साबित होगा।
—सुनील कुमार साहू, कोरबा, छत्तीसगढ़
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समाजकंटक सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक व हिंसा वाले पोस्ट डाल देते हैं, जो कई बार उपद्रव का कारण बनते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि इसमे खबर, वीडियो आदि सम्पादन की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
– गौरव अग्रवाल, अलवर
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सही इस्तेमाल करें
सोशल मीडिया से समाज में युवा पीढ़ी के नैतिक मूल्यों का विनाश तथा समाज की संस्कृति भी कहीं हद तक विलुप्त होती नजर आ रही है। दूसरा पक्ष यह है कि समाज को एकजुट करने, शिक्षा के प्रसार या किसी भी क्षेत्र मे जागरूकता पैदा करने में भी सोशल मीडिया उपयोगी है। इसलिए सोशल मीडिया का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए;
—करण सोलंकी, तखतगढ़, पाली
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नासूर बना सोशल मीडिया
सोशल मीडिया युवा पीढ़ी के लिए एक नासूर बन चुका है। आज की युवा पीढ़ी अपने कैरियर पर ध्यान देने की बजाय व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर अपना वक्त जाया कर रही है। अगर हम इस माध्यम का समुचित उपयोग करें, सही दिशा में उपयोग करें, तो हमारे लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। सोशल मीडिया पर टेलीग्राम जैसी क्रांति ने युवाओं को पढ़ने की नई दिशा दी है।
—महिपाल सिह पिथासनी, जोधपुर
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संस्कारों पर निर्भर
आज सोशल मीडिया एक विचार मंच बन चुका है। इसमें विभिन्न विचारधाराओं की नदियां तथा नाले संग्रहित होते हैं, जो एक महासमुंद्र का आकर ले लेते हैं। इस महासमुंद्र से आप कुछ भी चुन सकते हैं। चाहे मोती चुनो या कंकर—पत्थर। यह सब आपके संस्कारों एवं सोच पर निर्भर है।
मोहन बोहरा, उदयपुर
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दो पहलू
किसी भी बात के दो पहलू होते हैं, सकारात्मक और नकारात्मक। सोशल मीडिया भी दोनों दिशा दे सकता है, बेशक हम उसका उपयोग कैसे कर रहे हैं। नकारात्मक विचारों को सोशल मीडिया पर शेयर ना करें।
—रामनारायण कुमावत, सीकर
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खतरनाक होता सोशल मीडिया
एक जमाना था जब समाचार पत्रों में महत्वपूर्ण खबरें भी दो या तीन दिन बाद आ पाती थीं। वर्तमान में सोशल मीडिया इतना शक्तिशाली माध्यम बन गया है कि आपको सात समुंदर पार की घटना की भी जानकारी तुरंत मिल जाती है। कभी—कभी तो सोशल मीडिया इतनी तेजी से काम करता है कि सुबह समाचार पत्रों में लगी खबर भी पुरानी सी लगती है। समाज में जब सोशल मीडिया की इतनी पहुंच है, तो स्वाभाविक है कि समाजकंटक इसका दुरुपयोग भी करेंगे ही। हम देखते हैं कि इस सुविधा का दुरुपयोग भी होता ही है। सोशल मीडिया से राजनीति के क्षेत्र में भी तिल का ताड़ बनते देर नहीं लगती। कई अपराधियो ने भी पकड़े जाने पर स्वीकार किया है कि उन्होंने अपराध का तरीका सोशल मीडिया पर देखकर ही सीखा था। इन तथ्यों के आधार पर हम कह सकते हैं कि सोशल मीडिया समाज के लिए एक खतरा बन चुका है।
—अनिल भार्गव, दुबे कालोनी, गुना
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खतरा बन चुका है सोशल मीडिया
युवा पीढ़ी सोशल मीडिया के चक्कर में इतना फंस चुकी है कि उसे अपने कर्तव्य ही ध्यान नहीं रहे। ऐसा लगता है कि इंसानियत भी कहीं ना कहीं आजकल सोशल मीडिया पर ही सीमित हो गई है। जैसे हमारे आसपास के गरीब हमें दिखाई नहीं देते, लेकिन कोई गरीब से जुड़ी पोस्ट वायरल होती है, तो लोगों की संवेदनाएं जागृत हो जाती हैं।
—विजयलक्ष्मी मालाकार, सवाईमाधोपुर
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सही इस्तेमाल की जरूरत
सोशल मीडिया एक माध्यम है। समाज में फैली अच्छाई या बुराई का बीज तो मनुष्य में ही है। हमें अपने अंदर बदलाव लाने की जरूरत है। सही इस्तेमाल हो तो सोशल मीडिया समाज की उन्नति का कारण बन सकता है।
– समर्पित सुहाने, विदिशा
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सच्चाई जानना जरूरी
सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल समाज के लिए खतरा बन चुका है। तकनीकी का उपयोग मानव के स्वविवेक पर निर्भर करता है कि वह उसे सृजनात्मक कार्यों में लगाए या उससे विध्वंसकारी कार्य करे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म खतरा नहीं है, लेकिन जब कुछ अराजक तत्वों द्वारा देश की एकता और अखंडता को इसके माध्यम से नष्ट करने का प्रयास किया जाता है, तब यह खतरा बन जाता है। सोशल मीडिया पर प्रसारित जानकारी में कितनी सच्चाई है,यह जानने के बाद ही उस पर भरोसा किया जाना चाहिए।
सुरभि चन्देल, बड़वानी,मध्य प्रदेश
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बनता जा रहा है अभिशाप
समाज के साथ जुड़े रहने एवं सामान्य जानकारी प्राप्त करने के लिए सोशल मीडिया उपयोगी माध्यम है। परन्तु, अपने आवश्यक कार्य छोड़ कर, समाज एवं परिवार से रिश्ता तोड़कर आदतन सोशल मीडिया से जुड़ना अभिशाप है। जिस तरह से सोशल मीडिया अपने पैर पसार रहा है, उससे तो आने वाले कल की तस्वीर भयानक ही लग रही है। यदि समय रहते इस आदत पर अंकुश ना लगा, तो इंसान, इंसान ना रहकर मशीन मात्र ही रह जाएगा।
—अश्विनी भार्गव,विश्वेश्वरैया नगर, जयपुर ।
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सकारात्मक और नकारात्मक
यह कहना अनुचित है कि सोशल मीडिया समाज के लिए खतरा बन गया है। किसी भी चीज के दो पहलू हैं— सकारात्मक और नकारात्मक। सोशल मीडिया पर हिंसक ओर आपत्तिजनक पोस्ट से नकारात्मकता बढ़ती है। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए समाज जागरूक बन रहा है।
शुभम प्रजापति, कोटा
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समझदारी की जरूरत
सोशल मीडिया पर कोई कुछ भी लिख देता है। नाराज होकर लोग तोड़—फोड़ शुरू कर देते हैं। लिखने वाला हो सकता है मानसिक बीमार हो, लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाता।
बिना सोचे समझे इस तरह के कदम उठाना न्यायोचित नही है। कितना नुकसान सहेंगे हम सब और कब तक। हम सब को ही समझना होगा कि ये प्लेटफार्म भावनाए भड़काने के लिए नहीं है।
महेश कुमार झाला, कुचामन सिटी,नागौर
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जनहित में हो सोशल मीडिया का उपयोग
आजकल सोशल मीडिया पर विशेषकर फेसबुक व व्हाट्सएप पर कई भ्रामक लोक लुभावनी और विवादास्पद सामग्री परोसी जाने लगी हैं, जो उचित नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है व्हाट्सएप स्टेटस । इसका उपयोग लोग एक- दूसरे को नीचा दिखाने में करने लगे हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि मन की भड़ास निकालने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया का प्रयोग सकारात्मक सोच के साथ और जनहित में करना चाहिए। ऐसी सामग्री पर रोक लगाई जानी चाहिए, जो दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंचाए।
शंकर लालशास्त्री, शाहपुरा, जयपुर
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दुरुपयोग की अनदेखी न हो
आम आदमी की आवाज बनने वाला सोशल मीडिया आज लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा लगने लगा है। सोशल मीडिया के दुरुपयोग का मुद्दा ऐसा है जिसकी अब अनदेखी नहीं की जा सकती है। गलत विचारों को साझा करने से देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। ऐसे में कड़े कानून की सख्त जज़रूरत है। देश जैसे-जैसे आधुनिकीकरण के रास्ते पर बढ़ रहा है चुनौतियाँ भी बढ़ती ही जा रही हैं।
संतोष कुमार साहू, मेघा धमतरी
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न फैलाएं घृणा
सोशल मीडिया का उपयोग हम किस तरह कर रहे हैं, यह उपयोगकर्ता की मानसिकता पर निर्भर करता है। इसका इस्तेमाल देश और समाज हित में किया जाना चाहिए। जाति, धर्म, मजहब, सम्प्रदाय के नाम पर घृणा फैलाना पर यह समाज के लिए खतरा बन जाता है।
—राजेन्द्र सिंह बैस, थानागाजी, अलवर
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दुरुपयोग रोकें
जिस प्रकार सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी प्रकार सोशल मीडिया के भी दो पहलू हैं—अभिशाप ओर वरदान। सोशल मीडिया वह वरदान है, जिसके माध्यम से हम अपनी बात को देश के समक्ष रख पाते हैं। अभिशाप इसलिए कहेंगे क्योंकि वर्तमान समय में सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी अधिक ही हो रहा है। इसलिए इसका दुरुपयोग रोकना चाहिए।
—पंकज मीणा, टोंक, राजस्थान
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नहीं है खतरा
मुझे नहीं लगता की सोशल मीडिया समाज के लिये खतरा है, बल्कि सोशल मीडिया बहुत काम का है। किसी भी वस्तु का यदि सही उपयोग नहीं करेंगे, तो उसका नुकसान होता है। सोशल मीडिया पर भी यह बात लागू होती है।
सुनील दुपगा, बालाराजपुरा
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सोशल मीडिया आज हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है,किन्तु यह एक दुधारी तलवार के समान है। यदि इसका सकारात्मक उपयोग हो, तो यह मानव के लिये वरदान है और यदि इसका उपयोग गलत उद्देश्य पूर्ति के लिए हो तो यह अभिशाप बन जाता है। चंद पलों में ही वायरल होने वाली बहुत सी खबरें भ्रामक और समाज में अराजकता फैलानी वाली होती हैं। साइबर अपराध सोशल मीडिया से उत्पन्न बड़ा खतरा है। इसकी अधिकता से पारिवारिक रिश्तों मे खटास पैदा हो रही है और परिवारों का विघटन हो रहा है। बालपन पर इसका नकारात्मक प्रभाव ज्यादा पड़ता है। इसके अधिक उपयोग से व्यक्ति इसका गुलाम बन जाता है,जिससे उपयोगकर्ता का सामाजिक ,शारीरिक और मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है।
मुकेश स्वामी,बीलपुर,जयपुर
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